घर में रोजी-रोटी कमांएगे, लौटकर गुजरात नहीं जाएंगे
गुजरात से लौटे 40 मजदूरों ने पश्चिम चंपारण के बगहा एसडीएम से मुलाकात की। उन्होंने स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षित कराने का आश्वासन दिया।
मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। गुजरात में उत्तर भारतीयों के खिलाफ भड़की हिंसा के बाद लौटे बिहारी मजदूरों के सामने सबसे बड़ी समस्या रोजगार हासिल करने की है। जिससे उन्हें फिर वापस गुजरात लौटने की नौबत न आए। इसी उद्देश्य के साथ हाल में पश्चिम चंपारण के बगहा लौटे करीब 40 मजदूरों ने गुरुवार को एसडीएम से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने न केवल वहां की स्थिति बताई वरन अपनी चिंता भी प्रकट की। एसडीएम ने उन्हें यहां प्रशिक्षण व रोजगार दिलाने का आश्वासन दिया। इसके बाद उन्होंसने वापस गुजरात नहीं लौटने का संकल्प लिया।
कंपनी ने नहीं दी मजदूरी
ऑल इंडिया महिला फुटबॉल फेडरेशन की चेयरमैन अपर्णा सिंह उर्फ बहुरानी के नेतृत्व में एसडीएम से मिलने पहुंचे लोगों ने कहा कि करीब डेढ़ महीने की मजदूरी कंपनी ने रोक ली। भोजन पर आफत है। बगहा में रोजगार मिलना भी मुश्किल है। ऐसी स्थिति में हमलोग क्या करें? मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम ने वरीय अधिकारियों से बातचीत की।
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कुशल विकास मिशन के तहत प्रशिक्षण
इसके बाद उन्होंने घोषणा की कि वहां से लौटे सभी मजदूरों को कुशल विकास मिशन के तहत प्रशिक्षण देकर रोजगार की व्यवस्था कराई जाएगी। जिससे वे स्वरोजगार कर जीविकोपार्जन कर सकें। एक सम्मान की जिंदगी जी सकें। एसडीएम घनश्याम मीना ने मजदूरों को आश्वस्त किया कि उनके प्रखंड में ही प्रशिक्षण की व्यवस्था कराई जाएगी। उन्हें भटकने की जरूारत नहीं होगी।
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बीडीओ करेंगे निगरानी
संबंधित बीडीओ की देखरेख में मजदूर अपनी इच्छानुसार प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। बहुरानी ने भी अपने स्तर से सरकार के समक्ष मजदूरों की समस्या रखने का आश्वासन दिया। इसके बाद मजदूरों के चेहरे पर आश्वदस्ति दिखी। उन्होंने कहा, घर में ही रोजी-रोटी की व्यवस्थाे करेंगे, मगर लौटकर गुजरात नहीं जाएंगे। उल्लेखनीय है कि बगहा के करीब 40 मजदूर रात के अंधेरे में गुजरात से भाग निकले थे। बुधवार को सभी सप्तक्रांति एक्सप्रेस से बगहा पहुंचे।