Ramjan : तौसीफ ने क्यों बीच में ही रोजा तोड़ना कर लिया स्वीकार, उन्हें नहीं है किसी तरह का मलाल
प्रसूता और आने वाले बच्चे की जान बचाने के लिए तौसीफ जफर ने बीच में ही रोजा तोड़कर किया रक्तदान। सभी कर रहे सराहना।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जरूरतमंद की मदद से बड़ी कोई इबादत नहीं, इंसानियत में बड़ा कोई मजहब नहीं। रमजान के पाक माह में तौसीफ जफर ने इसको एक बार फिर से साबित कर दिखाया है। बीच में ही उन्होंने रोजा तोड़ कर रक्तदान किया। इससे जूरन छपरा के केजरीवाल हॉस्पिटल में भर्ती एक प्रसूता व उसके बच्चे की जान बचाई जा सकी।
मैसेज से मिली जानकारी
'अननोटिस्ड' संगठन के तहत ब्लड डोनेशन ड्राइव चला रहे इम्तेयाज ने बताया कि बुधवार को उनके मोबाइल पर एक मैसेज आया। कॉल करने पर बताया गया कि उनका एक रिश्तेदार केजरीवाल हॉस्पिटल में भर्ती है। मेजर ऑपरेशन से प्रसव कराने वाले चिकित्सक ने एक यूनिट फ्रेश ब्लड की आवश्यकता बताई है। उन्होंने अपनी फेसबुक वॉल पर इस मैसेज को पोस्ट किया। इसका बहुत अच्छा रिस्पांस मिला। कई लोगों ने ब्लड डोनेट करने की इच्छा जताई। इसमें तौसीफ जफर भी शामिल थे। उन्हें इसके लिए रोजा तोडऩा भी मंजूर था। सहमति मिलते ही वे केजरीवाल ब्लड बैंक पहुंचे और रक्तदान किया।
किसी की जान बचाने से बड़ा काम कोई नहीं
उन्होंने बताया कि रोजा तोड़कर किसी इंसान व संसार में आने वाले एक बच्चे को बचाया गया। इससे बड़ी बात क्या हो सकती है? मुझे जैसे ही इसकी जानकारी मिली, तुरंत इसके लिए तैयार हो गया। जब उनकी इच्छा कबूल की गई तो बड़ी खुशी हुई। तौसीफ के इस कार्य की जानकारी जब उनके स्वजनों व आसपास के लोगों को मिली तो उन्होंने भी उनकी सराहना की। इस कार्य को दूसरों के लिए प्रेरक बताया।