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मधुबनी में प्राइवेट बस स्टैंड का स्थानांतरण आखिर कब तक, यात्रियों को हो रही परेशानी

स्टैंड में बस के सिवा यात्रियों के लिए कोई सुविधा नहीं अब तक सरकारी स्तर पर प्रयास सिर्फ दिखावा साबित हुआ है।बस स्टैंड को लेकर शासन-प्रशासन की उपेक्षा के कारण प्रतिदिन हजारों की संख्या में यात्रियों को सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है।

By DharmendraEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 11:47 AM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 01:50 PM (IST)
मधुबनी में प्राइवेट बस स्टैंड का स्थानांतरण आखिर कब तक, यात्रियों को हो रही परेशानी
सुविधा विहीन मधुबनी का प्राइवेट बस स्टैंड, यात्रियों को हैं परेशानी

मधुबनी, जेएनएन । शहर को सरकारी स्तर पर सुविधाओं वाले बस स्टैंड अबतक नसीब नहीं हो सका है। आजादी के बाद से ही शहर में एक से कई जगहों पर  भटकने वाले प्राइवेट बस स्टैंड के निर्माण के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास सिर्फ दिखावा साबित हुआ है। एक दशक से शहर से हटकर बस स्टैंड स्थानांतरण की कोशिश बेमानी साबित हुआ है। बस स्टैंड को लेकर शासन-प्रशासन की उपेक्षा के कारण प्रतिदिन हजारों की संख्या में यात्रियों को बस स्टैंड की सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है। जिसकी ङ्क्षचता ना तो स्टैंड संचालक को है और ना ही जिला प्रशासन को।

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कोई सुविधा बहाल नहीं की गई  

दो दशक से शहर के बीचोंबीच संचालित बस स्टैंड का स्थानांतरण दो वर्ष पूर्व स्थानीय गंगासागर चौक स्थित किया गया। गैर सरकारी स्तर पर स्टैंड के नए जगह पर स्थानांतरण के बाद से स्टैंड में बस के अलावा यात्रियों के लिए कोई सुविधा बहाल नहीं की गई। प्राइवेट बस स्टैंड में शौचालय की कमी खल रही है। चापाकल पर बस कर्मियों और स्थानीय दुकानदारों का कब्जा बना रहता है।स्टैंड में शेड नहीं होने से बारिश-धूप में यात्रियों की फजीहत होती है। बरसात में कीचड़ के कारण लोगों को सड़क पर ही बस का इंतजार करना पड़ता है। प्राइवेट बस स्टैंड से सटे बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की पड़ाव का भी यही हाल है। निगम की पड़ाव में भी यात्री सुविधा का अकाल नजर आ रहा है।

 धूल फांक रहा प्राइवेट बस स्टैंड का स्थानांतरण का मामला

 प्राइवेट बस स्टैंड का पुलिस लाइन के निकट स्थानांतरण की योजना फाइलों में धूल फांक रहा है। दो वर्ष पूर्व स्टैंड को पुलिस लाइन के निकट स्थानांतरण की योजना बनाई गई थी। इससे पांच वर्ष पूर्व स्थानीय निधि चौक पर स्टैंड स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू की गई थी। निधि चौक स्थित स्टैंड संचालन के लिए किसानों की जमीन लीज पर ली गई। जमीन पर स्टैंड संचालन संबंधी बोर्ड लगाया गया था। आनन-फानन में यहां से बसों का संचालन भी शुरू किया गया। मगर, कुछ दिन बाद यहां से स्टैंड का बोर्ड हटा दिया गया। इधर एक वर्ष पूर्व नगर परिषद प्रशासन द्वारा फिर से बस स्टैंड के लिए जमीन ढूंढने का कार्य शुरू किया गया, लेकिन स्टैंड के लिए नगर परिषद प्रशासन की उदासीनता किसी से छिपी नहीं है।

 सड़क जाम से मिलेगा छुटकारा

 शहर में बस स्टैंड होने से दिनभर बसों की आवाजाही से सड़क जाम की समस्याएं विकराल होती जा रही है। स्टैंड के स्थानांतरण से ऑटो, ई-रिक्शा चालकों की आमदनी बढऩे के साथ शहर का दायरा भी बढ़ेगा। वहीं लोगों को सड़क जाम से छुटकारा मिलेगा। शहर में दुर्घटना की घटना भी कम होगी।

 दिल्ली, पटना सहित अन्य जगहों के लिए प्रतिदिन चलती छह दर्जन बसें

 जिला मुख्यालय स्थित प्राइवेट बस स्टैंड से जिले के विभिन्न हिस्सों के अलावा दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पटना के लिए तकरीबन पांच दर्जन बसों का परिचालन हो रहा है। वहीं करीब एक दर्जन ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट प्राप्त करने वाले दिल्ली के लिए चलने वाली लग्जरी बसों का परिचालन यहां से होता है। 


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