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घर आए प्रवासी तो अपने भी होने लगे बेगाने, घरों में बढऩे लगा कलह

मोतिहारी में घर लौटे प्रवासियों से संपत्ति के लिए विवाद बढ़े।मुफस्सिल अंचल में मार्च में 10 तो अप्रैल में 12 मामले आए

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 09:20 AM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 01:07 PM (IST)
घर आए प्रवासी तो अपने भी होने लगे बेगाने, घरों में बढऩे लगा कलह
घर आए प्रवासी तो अपने भी होने लगे बेगाने, घरों में बढऩे लगा कलह

पूर्वी चपांरण, [सुशील वर्मा]। लॉकडाउन ने परदेस में रोजगार छीन लिया। भूखों मरने की नौबत आ गई। तमाम उम्मीद और हसरत के साथ प्रवासी मजदूर घर पहुंचे। फिर नहीं जाने की सोच के साथ यहीं कुछ करने की ठानी। लेकिन, अपने ही बेगाने निकले। संपत्ति के लिए खून का रिश्ता भूल गए। मारपीट की जाने लगी। ऐसे बहुत से मामले मोतिहारी में सामने आ रहे। कई थाने पहुंच रहे। अब तो बहुत से प्रवासी वापस जाने की सोच रहे।

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घर आने के बाद यहां भी दर्द ही मिला

संग्रामपुर क्षेत्र के दरियापुर गांव निवासी देवपूजन राम ऐसे पीडि़तों में से एक हैं। दिल्ली में पेंटिंग का काम करते थे। लॉकडाउन में रोजगार छिना तो डेढ़ माह पहले दिल्ली से यह सोचकर घर लौटे थे कि अपनों का सहारा मिलेगा। लेकिन, यहां भी दर्द मिला। कहते हैं, यहां भी मुश्किलें कम नहीं हुईं। क्वारंटाइन सेंटर से घर पहुंचा तो छोटे भाई से जमीन का विवाद शुरू हो गया। मारपीट की गई। जब अपना खून ही दुश्मन हो गया तो घर छोड़ दिल्ली जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गजपुरा गांव के भोला पासवान का हाल भी कुछ ऐसा ही है। वे तमिलनाडु में बढ़ई का काम करते थे। लॉकडाउन में लौटे तो पड़ोसियों ने जीना मुश्किल कर दिया। जमीन के विवाद में भोला और उनकी पत्नी के साथ मारपीट की गई। ये भी लौटने की सोच रहे।

गांव के स्तर पर मामला सुलझाने की कोशिश

जिले के मुफस्सिल अंचल के बंजरिया, पिपराकोठी, लखौरा, तुकरौलिया, मुफस्सिल और रघुनाथपुर थाना क्षेत्र में ऐसे मामले ज्यादा हैं। यहां मार्च में 10 तो अप्रैल में 12 मामले सामने आए हैं। तुरकौलिया क्षेत्र की शंकर सरैया पंचायत के मुखिया अभय शर्मा, फेनहारा प्रखंड की रूपौलिया पंचायत के मुखिया पति गौरी राम व अजगरी पंचायत के मुखिया अरविंद सिंह कहते हैं कि मामला सिर्फ जमीन विवाद ही नहीं है। पारिवारिक कलह भी सामने आ रहा।

प्रवासी खुद को नि:सहाय महसूस कर रहे

गांव में मजदूरों के परिवार पहले से अभाव में जी रहे। जमीन नहीं है। झोपड़ी या छोटा सा मकान है। ऐसे में बाहर से लौटने वाले परिवार के सदस्यों के आने से पारिवारिक कलह बढ़ रहा है। रोजगार छिन जाने के बाद गांव में इस तरह की समस्या से प्रवासी खुद को नि:सहाय मानने लगे हैं। बंजरिया प्रखंड की पचरूखा पंचायत के मुखिया कुमार मनोज सिंह कहते हैं कि ग्रामीण स्तर पर प्रवासियों के मामले सुलझाए जा रहे। कई थाने भी पहुंच रहे।

मोतिहारी के पुलिस अधीक्षक नवीनचंद्र झा ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के लौटने के बाद पारिवारिक विवाद के मामले सामने आ रहे। इसे रोकने की जिम्मेवारी पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर थानाध्यक्षों को दी गई है। चौकीदारों को क्षेत्र में विशेष रूप से सजग रहने को कहा गया है।


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