सामूहिक दुष्कर्म के दोषी वार्ड सदस्य को दस साल कारावास
जिला जज ने सुनाया फैसला, देने होंगे 35 हजार रुपये जुर्माना। आंगन में सोई महिला को अगवा कर घटना को अंजाम दिया था।
मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। औराई थाना क्षेत्र के एक गांव में दो साल पहले एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म के दोषी पंचायत के वार्ड सदस्य तपेश्वर साह को दस साल कारावास की सजा सुनाई गई है। उसे 35 हजार रुपये जुर्माना भी देना होगा। राशि नहीं देने पर उसे तीन माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। मामले के सत्र- विचारण के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरेंद्रनाथ तिवारी ने उसे सजा सुनाई। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक केदारनाथ सिंह ने कोर्ट के समक्ष साक्ष्य पेश किए।
यह हुई थी घटना
घटना चार अगस्त 2016 की रात की है। महिला अपने घर के आंगन में सोई थी। रात के करीब 11 बजे तपेश्वर साह तीन अज्ञात साथियों के साथ उसके आंगन में घुस आया। शोर नहीं मचाए इसके लिए उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया था। चारो उसे गांव के बाहर सुनसान स्थान पर ले गए और सामूहिक दुष्कर्म किया। अगले दिन वह अपने दो समर्थकों के साथ महिला के घर पहुंचा और चुप रहने की नसीहत दी। उसने दबाव देकर अपने मोबाइल में उसका गलत बयान रिकार्ड भी कर लिया। घर आने पर उसने इसकी जानकारी गोतनी तथा मोबाइल से अपने पति को दी। जब उसका पति दिल्ली से आया तो 10 अगस्त 2016 को थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई।
कोर्ट में सरेंडर किया था तपेश्वर ने
तपेश्वर ने 6 जनवरी 2017 को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। अनुसंधान के बाद पुलिस ने उसके खिलाफ 14 फरवरी 2017 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। इसमें पुलिस ने अनुसंधान बंद करने की बात कहते हुए अन्य अज्ञात का पता नहीं लगने की बात कही।
पंचायत में महिला पर चुप रहने को बनाया था दबाव
महिला के पति के दिल्ली से आने के बाद तपेश्वर के समर्थकों ने गांव में पंचायत बुलाई। इसमें महिला व उसके पति पर मामले को रफा-दफा करने का दबाव बनाया गया। महिला व उसका पति इसके लिए तैयार नहीं हुए।