Valmiki Tiger Reserve: बाघों की सुरक्षा के लिए वीटीआर बनाएगा टाइगर कंजर्वेशन प्लान
बाघों की सुरक्षा उनकी संख्या बढ़ाने और उनके अधिवास प्रबंधन पर वीटीआर (वाल्मीकि टाइगर रिजर्व) प्रशासन टाइगर कंजर्वेशन प्लान बनाएगा। 10 वर्षों तक बाघों के सुरक्षा पर होगा फोकस।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। बाघों की सुरक्षा, उनकी संख्या बढ़ाने और उनके अधिवास प्रबंधन पर वीटीआर (वाल्मीकि टाइगर रिजर्व) प्रशासन टाइगर कंजर्वेशन प्लान बनाएगा। इसमें शाकाहारी जीवों की संख्या बढ़ाने सहित अन्य का भी जिक्र होगा।
वर्ष 2013-14 में बने टाइगर कंजर्वेशन प्लान और बेहतर प्रबंधन का नतीजा है कि वीटीआर में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां 37 से अधिक बाघ हैं। उनकी संख्या और बढ़े इसे लेकर फिर 10 वर्ष के लिए प्लान बनाने का निर्णय लिया गया है। इसमें बाघों के लिए शाकाहारी जानवरों की स्थिति का अवलोकन करते हुए भविष्य में इनकी संख्या बढ़ाने पर भी बल दिया जाएगा। इसके लिये घास के मैदान के विस्तार पर भी खास ध्यान दिया जाना है। वीटीआर प्रशासन का मानना है कि यहां बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही। ऐसे में शाकाहारी जानवरों की संख्या में भी इजाफा कराना आवश्यक है।
150 गांवों का बनेगा माइक्रो प्लान
टाइगर कंजर्वेशन प्लान में मुख्य रूप से इस बात पर ध्यान दिया जाना है कि पास के ग्रामीणों की वीटीआर पर कितनी निर्भरता है। बाघों की सुरक्षा एवं उनकी बेहतर सेहत के लिए कम से कम बाहरी हस्तक्षेप जरूरी है। इसे देखते हुए वीटीआर प्रशासन यहां से सटे 150 गांवों का भी माइक्रो प्लान बनाएगा। इसमें इन गांवों की जीवनशैली, जीवनयापन का मुख्य स्रोत, वनों पर उनकी निर्भरता, उसे कम करने के उपाय और रोजगार दिलाने के लिए किस तरह की व्यवस्था शुरू करने की जरूरत सहित अन्य बातों पर चर्चा होगी।
ईको टूरिज्म पर ज्यादा होगा फोकस
दस वर्ष पहले जो प्लान तैयार किया गया था, उसमें ईको पर्यटन को कम जगह दी गई थी। इस बार यह मुख्य हिस्सा होगा। इस क्षेत्र में हो रहे विकास को देखते हुए इसे ज्यादा व्यापक रूप दिया जाएगा। इसमें पर्यटकों की सुविधाओं को बढ़ाने पर मुख्य रूप से ध्यान दिया जाएगा।
वीटीआर के क्षेत्र निदेशक एचके राय ने बताया कि वर्ष 2022 तक प्लान तैयार कर लेना है। यह वीटीआर प्रशासन के लिए अति महत्वपूर्ण कार्य है। इस कार्य के लिए वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की सेवा ली जा सकती है।