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West champaran: इको टूरिज्म सर्किट से जुड़ेंगे वीटीआर के सिद्ध धार्मिक स्थल

West champaran News एसडीएम ने वाल्मीकिनगर में कैंप कर सुंदरीकरण की संभावनाएं तलाशी मृत त्रिवेणी नहर की होगी साफ-सफाई दोनों किनारें बनेंगे पाथ-वे प्रकृति की मनोरम वादियों से आछादित वाल्मीकिनगर में पर्यटन के विकास की असीम संभावनाएं हैं।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 05:29 PM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 05:29 PM (IST)
West champaran: इको टूरिज्म सर्किट से जुड़ेंगे वीटीआर के सिद्ध धार्मिक स्थल
ड्रोन कैमरे से पुरानी त्रिवेणी नहर का मुआयना करते एसडीएम दीपक कुमार मिश्र। जागरण

पश्‍च‍िम चंपारण (वाल्मीकिनगर), जासं। वाल्मीकि नगर को संवारने का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना अब साकार होने वाला है । जिला प्रशासन के पहल पर यहां के पर्यटन स्थलों का जीर्णोद्धार एवं सुंदरीकरण हो रहा है। जिससे पर्यटक नदियों और पहाड़ों के दीदार के साथ धार्मिक स्थलों का भी दर्शन कर सकें। जल्द ही वीटीआर के सभी धार्मिक सिद्ध स्थलों को पर्यटन सर्किट से जोड़ दिया जाएगा। सबसे बड़ी बात यह कि इन सभी योजनाओं की मॉनीटरिंग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद समय समय पर आकर करते रहे हैं।

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बता दें कि वाल्मीकिनगर अपने आप में खूबसूरती के लिए जितना जाना जाता है। उससे अधिक धार्मिक रूप से मान्यता है। नरदेवी मंदिर, वाल्मीकि आश्रम से लेकर महाकालेश्वर और जटाशंकर मंदिर प्रसिद्ध है। सरकार पुरानी त्रिवेणी नहर में नौकायन के माध्यम से इन स्थलों को जोड़ रही है। जिससे पैदल ही नहर के किनारे विचरण करते हुए सैलानी आसानी से घूम सकते हैं। जिला प्रशासन पुराने त्रिवेणी नहर के सुंदरीकरण को लेकर भी काम कर रहा है। काम पूरा होने के साथ ही पर्यटकों के लिए बोङ्क्षटग का एक और यादगार विकल्प मिल जाएगा। लगभग तीन किलोमीटर में फैली पुरानी त्रिवेणी नहर से जलकुंभी आदि की सफाई का काम प्रारंभ कर दिया गया है। नहर के दोनों किनारों पर लाइटें लगाने की भी योजना है। भविष्य में दोनों ओर पाथ वे भी बनाने की योजना है। इस के माध्यम से पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य को करीब से निहार सकेंगे। यहां से हिमालय की ऊंची चोटियों का विहंगम द ²श्य देखते ही बनता है। प्रकृति की मनोरम वादियों से आ'छादित वाल्मीकिनगर में पर्यटन के विकास की असीम संभावनाएं हैं। जल, जंगल से आ'छादित यहां की वादियां वैसे तो सैलानियों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करती ही हैं, वाल्मीकिनगर के आसपास मौजूद कई पुरातात्विक अवशेष भी लोगों के जानकारी और निरंतर खोज का विषय बन सकते हैं। एसडीएम दीपक कुमार मिश्रा ने बताया कि इको टूरिज्म को बढ़ावा देने का एक बड़ा मकसद लोगों में पर्यावरण और वन्य जीवों के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी है, ताकि प्रकृति का संरक्षण बेहतर तरीके से हो। पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही वीटीआर की जैव विविधता को भी सुरक्षित रखना इको टूरिज्म का एक बड़ा मकसद होगा। इको टूरिज्म को विकसित करने का मुख्य मकसद पर्यटन को बढ़ावा देना, प्राकृतिक विविधता को बिना प्रभावित किए पर्यटकों के लिए सुविधाएं विकसित करना और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर प्रदान करना है।


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