एसकेएमसीएच में बनने के बाद भी नहीं शुरू हो सकी वायरोलॉजिकल लैब Muzaffarpur News
एसकेएमसीएच में दो माह से बनकर तैयार। कर्मचारियों की नहीं हो सकी तैनाती। बहाली की प्रक्रिया पूरी नियुक्ति पत्र भेजने के बाद दो को छोड़ अन्य ने नहीं किया योगदान।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। एईएस सहित अन्य घातक बीमारियों की जांच के लिए श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (एसकेएमसीएच) में दो माह से वायरोलॉजिकल लैब बनकर तैयार है। सिर्फ कर्मचारियों की वजह से यह शुरू नहीं हो सकी है। बच्चों की मौत के बाद कर्मचारियों की तैनाती को लेकर अस्पताल प्रशासन सक्रिय हुआ है। इस सप्ताह के अंत तक लैब शुरू होने की बात कही जा रही।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन बीते दिनों एसकेएमसीएच में एईएस पीडि़त बच्चों को देखने आए थे तो उन्होंने बीमारी की जांच के लिए वायरोलॉजिकल लैब की जरूरत बताई थी। यहां लगभग दो करोड़ रुपये खर्च कर यह लैब बनाई गई है। सिर्फ कर्मचारियों की कमी से यह शुरू नहीं हो सकी है। बताया जाता है कि इसके संचालन के लिए एक टेक्नीशियन, एक नन मेडिकल रिसर्च असिस्टेंट एवं दो लैब टेक्नीशियन का साक्षात्कार एक महीने पहले हो गया। लेकिन, अभी तक उन्होंने योगदान नहीं किया।
बीते 27-28 मई को इसके लिए उन्हें पत्र भेजा गया। जब बच्चों की लगातार मौत होने लगी तो अस्पताल प्रशासन सक्रिय हुआ। माइक्रो बायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. रणजीत कुमार एवं शिशु विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर साहनी को इसकी जिम्मेदारी दी गई। एक टेक्नीशियन व एक लैब टेक्नीशियन ने योगदान किया। एक जल्द आ जाएगा। वहीं, नन मेडिकल रिसर्च असिस्टेंट ने आने से इन्कार कर दिया है। इसके लिए पुन: बैठक कर उसे बहाल किया जाएगा।
इन बीमारियों की होगी जांच
वायरोलॉजिकल लैब में एईएस के अलावा स्वाइन फ्लू, डेंगू, चिकिनगुनिया, इन्फ्लुएंजा, रेबीज, खसरा, हेपेटाइटिस, यलो फीवर, पोलियो, चेचक, एड्स से लेकर सभी संक्रामक बीमारियों की जांच होगी।
सप्ताह के अंत तक प्रारंभ हो जाएगी लैब
श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विकास कुमार ने कहा कि यह लैब इस सप्ताह के अंत तक प्रारंभ हो जाएगी। लैब में जो कर्मचारी नहीं हैं, उन्हें बैठक कर शीघ्र बहाल किया जाएगा।
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