कचरे की खाद से जैविक सब्जी की खेती, घर में ही कर रहे इन सब्जियों का उत्पादन Madhubani News
मधुबनी के विकास कर रहे कद्दू बैंगन टमाटर साग नेनुआ नींबू व पुदीना का उत्पादन। बाजार में बिकने वाली रासायनिक खाद से उत्पादित और बासी सब्जियों से मिला छुटकारा।
मधुबनी [कपिलेश्वर साह]। ये घर का कचरा बाहर नहीं फेंकते, बल्कि इसकी मदद से आंगन और छत पर जैविक सब्जियों की खेती करते हैं। इसमें कद्दू, बैंगन, टमाटर, साग, नेनुआ, नींबू और पुदीना आदि शामिल हैं। दो साल से विकास कुमार (42) इस काम में जुटे हैं। उत्पादित सब्जियों का उपयोग घर में करने के साथ पड़ोसियों, संबंधियों और अतिथियों को उपहार में भी देते हैं। इनकी प्रेरणा से चार दर्जन से अधिक लोग जैविक विधि से खेती करने की योजना बना रहे हैं।
शहर के बड़ा बाजार निवासी विकास को बाढ़, सुखाड़ या मौसम की अन्य मार से बाजार में सब्जी की कमी व उसकी बढ़ी कीमत ने कुछ नया करने की प्रेरणा दी। तब उन्होंने छत व आंगन में सब्जी उत्पादन का मन बनाया। इसके बारे में कई जगहों से जानकारी जुटाई। दो साल पहले घर से निकलने वाले गीले कचरे से जैविक खाद बनाकर उससे सब्जियों की खेती शुरू की। इसके लिए उन्होंने आंगन में बांस से तैयार क्यारी और बांस की टोकरी का इस्तेमाल किया।
इसमेंं वे घर से निकलने वाला गीला कचरा डालकर मिट्टी में मिला देते हैं। मौसम के अनुरूप सब्जी के बीज या पौधा लगाकर नियमित रूप से देखभाल करते हैं। साग-सब्जी के अलावा छत पर बांस की टोकरी में लगाए गए नींबू के पौधे से फल आने लगे हैं। वहीं पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण पीपल का पौधा भी उन्होंने गमले में लगाया है। घर में ही उत्पादित सब्जी से प्रतिदिन की मांग पूरी हो जाती है। साथ रासायनिक खाद से उत्पादित और बासी सब्जियों से भी छुटकारा मिल गया है।
मोहल्ले के कई लोग हुए प्रभावित
उनकी प्रेरणा से मोहल्ले के संजय प्रसाद, अन्नू प्रकाश, रोहित कुमार लाली, उमेश ठाकुर, प्रीतम राज, टिंकू कसेरा व रितेश कुमार सहित चार दर्जन लोगों ने घर पर जैविक सब्जी की खेती की योजना बनाई है। वे घर में उत्पादित जैविक सब्जियों की बिक्री के लिए एक केंद्र खोलने की भी तैयारी कर रहे। विकास का कहना है कि वे कचरे से आमदनी के अन्य उपायों पर काम कर रहे हैं।
कृषि विज्ञान केंद्र, जाले दरभंगा के अध्यक्ष डॉ. दिव्यांशु शेखर का कहना है कि घर पर जैविक सब्जी का उत्पादन सराहनीय है। जैविक खेती के लिए सरकार की ओर से चलाई जाने वाली योजनाओं का लाभ किसान ले सकते हैं। साथ ही उनके केंद्र से जरूरी जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।