टीकाकरण के लक्ष्य में पिछड़ा मुजफ्फरपुर जिला, शहरी क्षेत्र की स्थिति ज्यादा खराब
आपत्ति के बाद जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने शहरी क्षेत्र की एएनएम के साथ की बैठक। सभी एएनएम को छूटे बच्चों की सूची तैयार कर लेने का निर्देश दिया गया।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले में संपूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य बीते वित्तीय वर्ष से तीस फीसद कम हो गया है। हर साल जिले में न्यूनतम एक लाख 54 हजार नवजात से लेकर पांच साल उम्र के बच्चे का टीकाकरण का लक्ष्य दिया जाता है। जिसमें 30 फीसद बच्चे का टीकाकरण नहीं हो सका है। शहरी क्षेत्र की स्थिति ज्यादा खराब है। इस पर आपत्ति के बाद जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. आरपी सिंह ने सदर अस्पताल स्थित जिला प्रतिरक्षण कार्यालय में शहरी क्षेत्र की एएनएम के साथ बैठक कर जरूरी निर्देश दिए।
बताया कि शहरी क्षेत्र के निजी क्लीनिक व अस्पतालों से बच्चों के टीकाकरण की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को नहीं मिल पा रही है। जिसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने सभी एएनएम व आंगनबाड़ी सेविकाओं को इसकी रिपोर्ट लेने के लिए निर्देश दिया। वे अपने क्षेत्र के लोगों से संपर्क कर इसकी जानकारी ले सकती हैं। साथ ही शिशु व स्त्री रोग विशेषज्ञ से आग्रह कर रिपोर्ट देंगे। केवल टीके का नाम व बच्चों की संख्या देनी है।
इस दौरान कई एएनएम ने मिजल्स रूबेला टीककारण के कारण जेई और निमोनिया के टीके नहीं पडऩे की सूचना दी। इस पर सभी एएनएम को छूटे बच्चों की सूची तैयार कर लेने का निर्देश दिया गया। साथ ही जो ऑन लाइन रिपोर्टिंग है, उसके लिए जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया। मौके पर सभी एएनएम को लॉन्च होने वाले रोटा वायरस वैक्सीन के बारे में जानकारी दी गयी। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने कहा कि जुलाई से इस वैक्सीन को पोलियो ड्रॉप की तरह बच्चों को पिलाना है। इसके लिए हाल में ही पटना में दो दिनों की ट्रेनिंग हुई है। जो ट्रेनर हैं, जल्द ही ट्रेनिंग देंगे।
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