मानक के हिसाब से नहीं चल रहा शहरी स्वास्थ्य केंद्र, स्लम बस्ती में नहीं लगाया जाता शिविर
शिविर लगा नहीं हो रहा इलाज। नहीं भेज रहे रिपोर्ट। दवा मद की राशि भी नहीं हो पा रही खर्च। हालत गंभीर। राज्य मुख्यालय ने फीडबैक मिलने के बाद नाराजगी जताई है।
मुजफ्फरपुर,जेएनएन । नगर निगम क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए चल रहा शहरी स्वास्थ्य केंद्र बेपटरी हैं। इनसे जुड़े पोषक क्षेत्र में आने वाले स्लम इलाके में न समय पर स्वास्थ्य शिविर लग रहे और नहीं जागरूकता ही। महिला आरोग्य समिति गठित हो गई है, लेकिन उसको प्रशिक्षण देकर दक्ष नहीं बनाया जा रहा है। राज्य मुख्यालय ने फीडबैक मिलने के बाद नाराजगी जताई है। सिविल सर्जन से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है।
राशि रहते नहीं हो पाई खर्च
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत को बेहतर करने के लिए सरकार ने 49 लाख दो हजार 730 रुपये आवंटित किए हैं। हालत यह है कि राशि रहने के बावजूद कुल राशि का 29 फीसदी ही खर्च हो सका है। इसकी जांच जिलाधिकारी ने अपने स्तर से कराई तो पता चला कि कई सामान्य मद में खर्च का हाल ठीक नहीं है।
दवा के लिए 12 लाख रुपये की राशि में मात्र चार लाख 28 हजार 166 रुपये ही खर्च हुआ है। महिला आरोग्य समिति की बैठक व इसके प्रशिक्षण मद में भी खर्च नहीं हो पा रहा है। इधर जब जांच शुरू हुई तो जल्दी-जल्दी में महिला आरोग्य समिति की ओर से प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। विभागीय जानकारों की मानें तो समय-समय पर मातृ शिशु हेल्थ व परिवार नियोजन के लिए ट्रेनिंग नहीं हुई है।
शहरी क्षेत्रों के स्लम क्षेत्र में कई तरह की बीमारियां फैली रहती हैं। बस्ती से मिजिल्स व डायरिया की रिपोर्ट नहीं मिल रही। शहरी पीएचसी में इलाज की गुणवत्ता मद में सुधार के लिए कोई पहल नहीं हो रही है।
एमसीआइ ने जताई थी आपत्ति
पिछले दिनों एमसीआइ की टीम ने निरीक्षण के बाद आपत्ति की थी। उसके बाद एसकेएमसीएच की ओर से ब्रह्मपुरा शहरी पीएचसी शिशु रोग विशेषज्ञ की प्रतिनियुक्ति की है। प्राचार्य डॉ. विकास कुमार ने बताया कि एसकेएमसीएच इस शहरी पीएचसी को गोद लिए है। एमसीआइ की टीम ने एक माह पूर्व जांच के दौरान शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं होने बात कही थी। इधर सिविल सर्जन डॉ.शिवचंद्र भगत ने कहा कि मुख्यालय से रिपोर्ट आने के बाद शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की सेवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।