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उपेंद्र कुशवाहा ने सरकार पर साधा निशाना, कहा- देश के नौजवानों को छोड़ दूसरे मुल्क की हो रही चिंता

रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा CAA से बेरोजगार युवाओं का ध्यान भटकाने का प्रयास। मड़ीपुर में धरना कर रहे लोगों को बधाई का पात्र बताते हुए मिलकर लड़ाई जीतने की बात कही।

By Murari KumarEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 10:02 PM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 10:02 PM (IST)
उपेंद्र कुशवाहा ने सरकार पर साधा निशाना, कहा- देश के नौजवानों को छोड़ दूसरे मुल्क की हो रही चिंता
उपेंद्र कुशवाहा ने सरकार पर साधा निशाना, कहा- देश के नौजवानों को छोड़ दूसरे मुल्क की हो रही चिंता

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। कहा कि देश के नौजवानों की चिंता छोड़ दूसरे मुल्क की चिंता की जा रही है। वे रविवार को माड़ीपुर और जेल रोड में नागरिकता संशोधन कानून, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स, नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर कानून के विरोध में चल रहे धरना कैंपों में लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के जरिए सरकार देश के नौजवानों, बेरोजगार युवाओं का ध्यान भटकाना चाहती है, ताकि उनसे कोई न पूछे कि इतने दिनों में आपने क्या किया।

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धरना में मौजूद लोगों को दी बधाई 

 कैंप में मौजूद लोगों को बधाई का पात्र बताते हुए कहा कि यह लड़ाई हम मिलकर जीतेंगे। ये कानून सभी जातियों व धर्म के लोगों पर असर डालेंगे। मौके पर रालोसपा के जिलाध्यक्ष राजू कुशवाहा, मदन चौधरी, रेयाज अहमद, मंजीत सहनी, अमरनाथ भक्त, मुश्ताक अहमद, सैयद माजिद हुसैन, अरुण कुशवाहा, जितेंद्र कुशवाहा, शाह आलम, कामरान रहमानी, दिनेश कुशवाहा, इरफान मुजफ्फरपुरी आदि मौजूद थे। माड़ीपुर कैंप में राजद नेता मो. जमाल सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे। 

दिल्ली की तरह होगा बिहार विस का परिणाम 

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य की स्थिति बेहद खराब है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की झूठ की नैया पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सवार हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम की ही तरह बिहार का भी परिणाम होगा।

जनता से मांगे पांच साल, रह गए 15 साल

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर चुनावी सभा में बोलते थे कि सबको दिए 15 साल, मुझको दीजिए पांच साल, लेकिन रह गए 15 साल। शिक्षा की हालत नहीं सुधरी, नौजवान को नौकरी नहीं मिली, दूसरे राज्य में लोग पलायन कर रहे हैं।  

हिम्मत है तो विधानसभा में करें पारित

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बिहार में एनआरसी लागू नहीं होने की बात कहते हैं। अगर हिम्मत है तो केरल और पश्चिम बंगाल की तरह यहां भी विधानसभा में एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित करें। 


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