82 यूजी और 42 पीजी ऑनलाइन कोर्स के लिए प्रस्ताव तैयार करेगा विवि, जानिए Muzaffarpur News
स्वयं पोर्टल पर ऑनलाइन पूरा कराया जाएगा कोर्स। यूजीसी ने कुलपति और सभी कॉलेज के प्राचार्यों को भेजा पत्र। जुलाई सत्र की नवंबर में होगी परीक्षा।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। लॉकडाउन की अवधि में विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित होने के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर विश्वविद्यालय और कॉलेजों को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि स्वयं पोर्टल के माध्यम से 82 यूजी और 42 पीजी ऑनलाइन कोर्स के जुलाई सत्र के लिए विवि प्रस्ताव तैयार करे। स्वयं की ओर से बताया गया है कि जनवरी सत्र के लिए 1900 ऑनलाइन कोर्स में लगभग 25 लाख विद्यार्थी पहले ही जुड़ चुके हैं।
एमएचआरडी और आइसीटी की ओर से इनीशिएटिव के तहत इस पोर्टल को शुरू किया गया है। यह कोर्स स्वयं पोर्टल से मान्यता प्राप्त है। साथ ही विश्वविद्यालय में एकेडमिक काउंसिल और विभिन्न निकायों से भी इसे पारित करा विवि में लागू करा सकते हैंं। विवि के विभागाध्यक्षों को भी इन कोर्स में विद्यार्थियों की रूचि बढ़ाने और विभाग वार कोर्स के चयन को लेकर प्रस्ताव कर कुलपति को सौंपेंगे। इसके बाद इसे यूजीसी को भेजा जाएगा।
जुलाई सत्र की नवंबर में होगी परीक्षा
जुलाई सत्र में इस पोर्टल के तहत नामांकन लेने वाले विद्यार्थियों की परीक्षा दिसंबर महीने में आयोजित की जाएगी। इसका संचालन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से 14 और 15 नवंबर को किया जाएगा। परीक्षा की तिथि को विवि अपने अनुसार भी तय कर सकता है। इस पोर्टल को विभिन्न माध्यम से प्रचार प्रसार करने को कहा गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को इसका लाभ मिल सके।
विभिन्न विश्वविद्यालयों को दी गई कोर्स की जिम्मेदारी
स्वयं पोर्टल पर पीजी और यूजी के लिए उपलब्ध कोर्सस को पूरा कराने के लिए विभिन्न केंद्रीय व अन्य विश्वविद्यालयों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। पीजी स्तर पर एलएलएम, एमएड, मास्टर ऑफ मॉस कम्युनिकेशन, एमबीए, एमसीए, एमए, एमससी व एमकॉम के विभिन्न विषय शामिल हैं। वहीं यूजी स्तर पर बीए, बीएससी, बीकॉम, बी फॉर्मा, बीबीए, बीसीए, बीलीस समेत अन्य कोर्स कराए जाएंगे। इसमें दिल्ली, पंजाब, गुजरात, मुंबई, कोलकाता, पुणे समेत देश के विभिन्न शहरों के केंद्रीय विवि और ख्याति प्राप्त विवि शामिल हैं। इन कोर्स के लिए विवि अपने स्तर से फी का निर्धारण करेगा। हालांकि, फी के बारे में अभी स्पष्ट नहीं किया जा सका है कि इन कोर्सेस के लिए कितना फी देना होगा।