सौंदर्यीकरण से तालाब को मिलेगा 'जीवन', छात्रों ने सफाई का उठाया बीड़ा Muzaffarpur News
बिहार विश्वविद्यालय कैंपस में अवस्थित तालाब अर्से से उपेक्षित। तालाब की सफाई और इसके आसपास सौंदर्यीकरण हो जाए तो शहर में पर्यटन का बड़ा केंद्र साबित हो सकता है।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। विश्वविद्यालय कैंपस में अद्भुत प्राकृतिक नजारों को निहारना है तो उस तालाब पर पहुंचे, जहां आकर सुकून व शांति का एहसास होगा। चारों तरफ से विभिन्न भवनों के बीच अवस्थित यह तालाब मनोरम झील सरीखे दिखाई पड़ता था, मगर कलकल बहता पानी आज जलकुंभी से ढककर काला पड़ गया है। यह तालाब अर्से से उपेक्षित पड़ा है और विश्वविद्यालय प्रशासन इससे बेखबर है। छात्रों का कहना है कि इस तालाब की सफाई और इसके आसपास सौंदर्यीकरण हो जाए तो शहर में पर्यटन का बड़ा केंद्र साबित हो सकता है।
'दैनिक जागरण' की पहल पर एलएस, आरडीएस कॉलेज समेत विश्वविद्यालय के हॉस्टल के छात्रों ने मिलकर इस तालाब की साफ-सफाई का बीड़ा उठाया। पीजी टू में शोध के छात्र मुन्ना सिंह यादव व छात्र जदयू के नेता ठाकुर प्रिंस ने कहा कि अब उनका लक्ष्य इस तालाब के सौंदर्यीकरण का है और इसके लिए हर स्तर पर प्रयास किए जाएंगे।
प्रभारी कुलपति प्रो. राजेश सिंह व रजिस्ट्रार कर्नल अजय कुमार राय का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराएंगे। साथ ही मंत्री, विधायकों व जिला प्रशासन से भी इसमें सहयोग मांगेंगे। मौके पर युवा छात्र नेता मुकुल कुमार, एलएस कॉलेज के दीपक कुमार, गणित विभाग के रमण शुक्ला, विपुल झा आदि ने मिलकर तालाब के विकास और उसके संरक्षण के लिए रणनीति तैयार की।
काश! सपनों को लग जाते पंख
तालाब का सौंदर्यीकरण कर दिया जाए तो यह नौका विहार का बेहतर विकल्प बन सकता है। उपेक्षा के चलते यह तालाब चारों तरफ से अतिक्रमण का शिकार है। दबंगों के कब्जे में है जिसमें वे अपने फायदे के लिए मछली पालन करते हैं। इस तालाब में धोबी कपड़ों की सफाई के लिए घाट बना चुके हैं।
बड़े-बड़े भवनों के बीच घिरे इस तालाब के आसपास रंग-बिरंगे पक्षियों का कलरव यहां कौतूहल पैदा करता है। चारों तरफ से पौधरोपण, घाट का निर्माण और नौका बिहार के लिए तालाब में नावों का इंतजाम कर दिया जाए तो इसकी खूबसूरती में चार चांद लग जाएंगे। आम लोगों के साथ पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा।