Move to Jagran APP

Kargil Vijay Diwas: मुजफ्फरपुर के दो लाल ने खट्टे किए थे दुश्मनों के दांत Muzaffarpur News

माधोपुर सुस्ता के प्रमोद कुमार व फंदा के सुनील कुमार की कारगिल की लड़ाई में कुर्बानी पर जिलावासियों को गर्व।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 26 Jul 2019 02:29 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jul 2019 02:29 PM (IST)
Kargil Vijay Diwas: मुजफ्फरपुर के दो लाल ने खट्टे किए थे दुश्मनों के दांत Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। वर्ष 1999 में कारगिल की लड़ाई में जिले के दो लाल ने भी कुर्बानी दी थी। कुढऩी प्रखंड स्थित माधोपुर सुस्ता के प्रमोद कुमार व मड़वन स्थित फंदा के सुनील कुमार की कुर्बानी आज भी लोगों के जेहन में है। उनकी शहादत पर गर्व है। 

loksabha election banner

 माधोपुर सुस्ता गांव निवासी बिंदेश्वर राय एवं दौलती देवी के 22 वर्षीय पुत्र प्रमोद कुमार बिहार रेजिमेंट के प्रथम बटालियन में शामिल हुए थे। बटालियन को कारगिल की लड़ाई के दौरान द्रास सेक्टर को दुश्मनों के चंगुल से मुक्ति दिलाने की जिम्मेदारी मिली थी। युद्ध के दौरान 30 मई 1999 को प्रमोद शहीद हो गए। देश के लिए मर मिटने पर माता-पिता के साथ गांववासियों का सीना चौड़ा हो गया था।

अदम्य साहस का दिया था परिचय

मड़वन प्रखंड स्थित फंदा गांव निवासी सुनील कुमार वर्ष 1988 में सेना के पैराशूट रेजीमेंट में शामिल हुए थे। वर्ष 1989 में शांति सेना एवं 1994-95 में ऑपरेशन विजय में शामिल होकर अदम्य साहस का परिचय दिया था। कारगिल युद्ध में उनको फिर से पराक्रम दिखाने का मौका मिला। 23 जुलाई 1999 को दुश्मनों की गोलियों के शिकार हो गए और अपनी शहादत से परिवार एवं जिलावासियों का सिर ऊंचा कर गए।

दोनों की शहादत पर सरकार ने उनके गांवों के विकास की घोषणाएं की थीं। हालांकि, समय के साथ सरकार अपना वादा भूल गई और शहीदों के गांव विकास का इंतजार करते रह गए। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.