बाप के हत्यारे को सजा दिलाने के लिए दौड़ लगा रहीं दो बेटियां, जानिए मामला... Sitamarhi News
मामाला सीतामढ़ी के परिहार थाना क्षेत्र के गिसारा गांव की है। 06 अक्टूबर 2019 को गोली मर की गई हत्या। हत्यारे की गिरफ्तारी नहीं बेटियों का आरोप गुनाहगारों को बचा रही पुलिस।
सीतामढ़ी [मुकेश कुमार'अमन']। ये कहानी बेशक आपको फिल्मी लग सकती है, मगर हकीकत उतना ही भयानक व दर्दनाक है। यहां जिस कहानी का हम जिक्र कर रहे हैं, वो फिल्मी नहीं, बल्कि रियल लाइफ स्टोरी है। अपने पिता के हत्यारे को पकड़वाने के लिए दर-दर भटक रहीं दो बेटियों का दर्द देखकर कलेजा हाथ में आ जाता है। वो बेटियां जो अपने पापा के दिल के बेहद करीब होती हैं, अब उनकी याद में बदहवाश हैं। कहते हैं बेटा भले ही भूल जाए, माता-पिता को मगर बेटियां तब तक नहीं भूलती जब तक दुनिया है।
पिता और बेटी में एक बात कॉमन होती है, दोनों ही अपनी गुड़िया से बेहद प्यार करते हैं। परिहार थाने के गिसारा गांव के रहने वाले पूर्व मुखिया अशोक कुमार की हत्या के बाद से बड़ी बेटी वंदना और छोटी जिया गुप्ता थाने से लेकर तमाम बड़े अधिकारियों की चौखट पर हाजिरी लगा रही हैं, इंसाफ तो दूर सुनवाई भी नहीं होती। आखिर क्यों, जवाब अबूझ पहेली बनकर रह गया है।
उधर, वंदना और जिया ने पिता के हत्यारों को सजा दिलाकर ही दम लेने का प्रण किया है। 'दैनिक जागरण से बातचीत में वंदना व जिया ने कहा,'जबतक उनके पिता को मारने वालों को सजा नहीं दिलवा देतीं, तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगी। इसी वजह से वंदना ने अपनी नौकरी छोड़ी तो जिया बीएड करके आगे नहीं पढ़ पा रही। उधर, इकलौते पुत्र पुष्पेश भी पढ़ाई छोड़ चला है। पति की हत्या के सदमे से रामकुमारी देवी मरणासन्न हैं।
ये है पूरा मामला
6 अक्टूबर, 2019 की सुबह-सुबह पूर्व मुखिया अशोक कुमार की गोली मार कर हत्या कर दी गई। तब वे सुबह की सैर पर नदी किनारे निकले थे। छह अपराधी उनके इंतजार में घात लगाए थे। सामने दिखते ही एक मोटरसाइकिल पर सवार तीन बदमाशों में से एक ने गोलियों से भून डाला। चश्मदीद गांव के ही कुछ लोग थे। इस हत्याकांड में रंधीर सिंह नामक शख्स का नाम सामने आया। आरोपों के मुताबिक, पूर्व मुखिया को रंधीर ने ही गोली मारी। हत्या में कुल 6 लोग शामिल थे। जिनमें दो को गांव वालों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। परसौनी थाने में (संख्या-73/19) कांड दर्ज है।
बेटियां लगा रहीं इंसाफ की गुहार
बेटियों का कहना है कि उनके पिता के हत्यारे की पहचान हो गई है। यही नहीं, उस घटना के प्रत्यक्षदर्शी गवाह भी मौजूद हैं। बावजूद आरोपियों को पकड़ने में पुलिस कतरा रही है। आखिर वो कौन-सी मजबूरी है, जिसके कारण चार माह में पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई। इन्हें फोन पर धमकियां मिल रही हैं, प्रशासन भी साथ नहीं दे रहा है। इस केस के आईओ से बात करने पर कहते हैं कि आईजी की जांच चल रही है।
एसपी अनिल कुमार कहते हैं कि अपराधियों की गिरफ्तारी की कोशिश लगातार जारी है। इन बेटियों का आरोप है कि ये थाने के दारोगा से लेकर बिहार के डीजीपी तक अपनी गुहार लगा चुकी हैं। ये बिहार के मुख्यमंत्री से लेकर देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक अपनी अर्जी दे चुकी हैं, लेकिन पटना से लेकर दिल्ली तक कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।