पूर्वी चंपारण के दो चरस तस्करों को 20-20 साल कारावास, एक -एक लाख रुपया जुर्माना
Muzaffarpur News दोनों दोषी को देना होगा एक-एक लाख रुपया जुर्माना। जिला जज के कोर्ट ने दोनों को सुनाई सजा। पूर्वी चंपारण जिला के बंजरिया के घोघरी गांव निवासी अनिल यादव व रामगढ़वा थाना के धनहार डिहुली गांव निवासी हरिओम गिरि को सजा।
मुजफ्फरपुर, जासं। चार साल पहले ट्रक से काठमांडू से पटना ले जाई जा रही चरस की बड़ी खेप के साथ गिरफ्तार दो तस्करों को 20-20 साल कारावास की सजा भुगतनी होगी। सजा पाने वालों में पूर्वी चंपारण जिला के बंजरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत घोघरी गांव निवासी अनिल यादव व रामगढ़वा थाना के धनहार डिहुली गांव निवासी हरिओम गिरि है। अनिल ट्रक चालक व हरिओम खलासी था। दोनों को एक-एक लाख जुर्माना भी देना होगा। जुर्माना की राशि नहीं देने पर एक साल अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। मामले के सत्र विचारण के बाद जिला जज मनोज कुमार सिन्हा ने दोनों को सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक मिथिलेश कुमार वर्मा ने कोर्ट के समक्ष साक्ष्य रखा।
साहेबगंज में डीआरआइ की पकड़ में आया था 109 किलोग्राम चरस लदा ट्रक : राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआइ) के इंटेलिजेंस अफसर संजय कुमार गुप्ता ने 25 दिसंबर 2018 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। डीआरआइ के सहायक निदेशक सुधेंदु कुमार सिंह को गुप्त सूचना मिली कि ट्रक से काठमांडू से चरस की एक बड़ी खेप केसरिया-साहेबगंज के रास्ते पटना ले जाई जा रही है। इस सूचना के आधार पर संजय कुमार के नेतृत्व में डीआरआइ की टीम ने 24 दिसंबर 2018 की शाम साहेबगंज में घेराबंदी कर ट्रक को पकड़ा। ट्रक के गुप्त बाक्स में छिपाकर रखे गए छह पैकेटों में 109 किलो 250 ग्राम चरस बरामद की गई। इसके बाद शहर के ट्रक चालक अनिल यादव व खलासी हरिओम गिरि को गिरफ्तार कर लिया गया।
हाईकोर्ट के तलब किए जाने के बाद भी अपहृता का सुराग नहीं
मुजफ्फरपुर। हाईकोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा रिपोर्ट तलब किए जाने के 15 माह बाद भी ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र से अपहृत पांच वर्षीय खुशी की बरामदगी नहीं हो सकी है। पुलिस के लिए यह चुनौती है। पुलिस की उदासीनता देख नगर विधायक विजेंद्र चौधरी ने पिछले साल विधानसभा में मामले को उठाया था। फिर भी पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी। जिला पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में है। स्वजन का आरोप है कि पहले दिन से ही ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष की तरफ से मामले में शिथिलता बरती जा रही है। पहले केस दर्ज कराने के लिए थाने के चक्कर कटवाए गए। वरीय अधिकारियों द्वारा फटकार के बाद प्राथमिकी दर्ज तो की गई, लेकिन जांच के नाम पर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। पीडि़त परिवार अभी भी इंसाफ के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहा है। कुछ दिनों पहले पीडि़त परिवार ने समाहरणालय परिसर में आत्मदाह करने की भी कोशिश की थी। इसके बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ डाले बैठी है।
बता दें कि पिछले वर्ष 17 फरवरी को ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र के लक्ष्मी चौक से पांच वर्षीय बच्ची खुशी गायब हो गई थी। खोजबीन में कोई सुराग नहीं मिलने पर स्वजन ने मामला दर्ज कराया, मगर अभी तक पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। इससे प्रतीत होता है कि ब्रह्मपुरा थाने की पुलिस कार्रवाई के नाम पर सिर्फ दावे कर रही है। हकीकत में कुछ नहीं किया जा रहा।
- अपहृत बच्ची की अभी तक बरामदगी नहीं हो सकी है। मामला अभी अनुसंधान में है। वरीय अधिकारियों द्वारा दिए गए निर्देश के तहत जांच अधिकारी कार्रवाई में जुटे हैं। - अनिल कुमार गुप्ता, थानाध्यक्ष, ब्रह्मपुरा