हज में हो परेशानी तो इंडियन मिशन से लें मदद
मुजफ्फरपुर। सऊदी अरब में हज के दौरान अगर किसी तरह की परेशानी हो तो 'इंडियन मिशन' से संपर्क कर उनकी म
मुजफ्फरपुर। सऊदी अरब में हज के दौरान अगर किसी तरह की परेशानी हो तो 'इंडियन मिशन' से संपर्क कर उनकी मदद लें। हज कमेटी से मिले कड़ा को हाथ से नहीं उतारें। इस पर हाजियों का पूरा ब्योरा होता है। पहचानपत्र हमेशा पास में रखें। कंपनीबाग जामा मस्जिद में आयोजित हज प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षकों ने ये बातें कहीं। मस्जिद के इमाम हाजी मौलाना आले हसन व मुफ्ती इकबाल अहमद ने एहराम बांधने, खाना-ए-काबा के चारों तरफ तवाफ, सफा-मड़वा पहाड़ पर दौड़ने, शैतानों को कंकरी मारने, कुर्बानी करने, सिर का बाल मुड़वाने आदि की विस्तार से जानकारी दी। मौके पर मस्जिद कमेटी के सचिव जशीम मुजफ्फर, खादीमुल हुज्जाज हाजी अबू जफर, हाजी अबदुल हादी, हाजी महबूब आलम, फिरोज आलम, मो. परवेज अंसारी, समेत कई हज यात्रियों की खिदमत में जुटे रहे। जिले से इस बार करीब 208 लोगों ने आवेदन दिए हैं। हज के फराएज : एहराम बांधना। नौ जिउल हिज्जा के सूरज ढलने से दसवीं जिउल हिज्जा के सुबह सूरज निकलने से पहले तक किसी वक्त अरफात में ठहरना। तवाफ जियारत, जो 10 जिउल हिज्जा के सुबह से लेकर 12 जिउल हिज्जा को सूरज डूबने होने से पूर्व किया जाता है।
हज के वाजिबात : मुजदलफा में हाजरी के वक्त वकुफ करना। शफा व मरवाह पहाड़ के बीच सई करना। शैतान को कंकरी मारना। कुर्बानी करना। हल्क या कशर कराना। आफाकी को तवाफ वेदा कराना। औरतों के लिए मसाएल : औरतों के एहराम के लिए कोई खास कपड़ा नहीं होता। वह जो कपड़ा पहनती हैं, वहीं उनका एहराम है। हेजाब से सिर ढकेंगी व चेहरा खुला रहेगा। औरतें तलबीया जोर से नहीं कहें। तवाफ व सई तेज नहीं कर अपनी चाल में करें। इसके अलावा कई मसले हैं।