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पश्चिमी चंपारण में ट्रैक्टर से टकराई बाघिन, जान बचाकर भागा चालक

पश्चिमी चंपारण में एक बाघिन गन्ना लदे ट्रैक्टर से टकरा गई। चालक जान बचाकर भाग निकला।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 09:12 PM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 09:12 PM (IST)
पश्चिमी चंपारण में ट्रैक्टर से टकराई बाघिन, जान बचाकर भागा चालक
पश्चिमी चंपारण में ट्रैक्टर से टकराई बाघिन, जान बचाकर भागा चालक

मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। पश्चिमी चंपारण जिले के गौनाहा प्रखंड क्षेत्र स्थित हरपुर कॉलोनी के पास शनिवार देर शाम दौड़ती जा रही एक बाघिन गन्ना लदे ट्रैक्टर से टकरा गई। यह देख चालक ने नियंत्रण खो दिया और वाहन गड्ढे में जा पलटा। लेकिन, वह किसी तरह जान बचाकर भाग निकला। घटना की सूचना से लोग दहशत में हैं।

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ट्रैक्टर सड़क पर जा रहा था। तभी गन्ने के खेत से दौड़ती हुई एक बाघिन बाहर निकली और ट्रैक्टर से टकरा गई। बदहवास चालक ट्रैक्टर से कूदकर भागने लगा। वहीं, बाघिन दौड़ती हुई रमपुरवा अशोक स्तंभ की तरफ गन्ने के खेत में घुस गई। इस बीच गन्ना लदा ट्रैक्टर-ट्रेलर पलट गया। सूचना के बाद वन्यकर्मियों की टीम पहुंची। वन प्रक्षेत्र के रेंजर मो. अफसार ने बताया कि किसी के मरने की सूचना नहीं है। ट्रैक्टर मालिक वाहन सीधा कर निकल गया। बाघिन की निगरानी में नियुक्त टाइगर टेकर ने भी घटना की पुष्टि की। हरपुर कॉलोनी के लोगों ने बताया कि बाघिन के डर से रात में घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।

गौरतलब है कि गुरुवार रात जहां बाघिन ने एक नीलगाय को मारा था। वहीं, शनिवार को वहां से महज डेढ़ किमी की दूरी पर यह घटना हुई। पिछले कुछ दिनों से वाल्मीकि व्याघ्र रिजर्व क्षेत्र के मंगुराहा वन क्षेत्र के मंगुराहा, गौनाहा, मनी टोला, वोटगांव, परसाडीह, परसा, दोमाठ, जगरनाथपुर, तारा बसवरिया, हरपुर, रमपुरवा व पिपरिया सहित दो दर्जन गांवों में बाघिनों व शावकों की चहलकदमी से दहशत है। वन विभाग के टाइगर टेकर की टीम गन्ना के खेत के समीप लगाई गई है। टीम में टाइगर टेकर बिहारी महतो, दारा महतो, परमानंद उरांव, बागड़ गुरो, विजय उरांव व रमजान मियां हैं।

मंगुराहा वन क्षेत्र के रेंजर मो. अफसार ने बताया कि वन क्षेत्र के करीब के गांवों के लोगों को वनकर्मियों द्वारा शाम चार बजे के बाद खेतों में जाने से मना किया जा रहा है। अकेले खेत मे जाना खतरे से $खाली नहीं है। जरूरत पड़े तो गांव वालों को खेतों में समहू में जाना चाहिए। गन्ना के खेत में जाने से ग्रामीणों को अभी बचना चाहिए।


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