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मुजफ्फरपुर में एंटीजन किट कालाबाजारी में सदर अस्पताल प्रबंधक पर कसा शिकंजा, जानिए पूरा मामला

उच्च न्यायालय के विधिक सेवा समिति के रजिस्ट्रार सुनील कुमार पवार ने जारी किया पत्र कोर्ट के आदेश की जानकारी देते हुए अधिवक्ता एसके झा ने उच्च नयायालय के पत्र को साझा किया है। उन्होंने एंटीजन किट कालाबाजारी मामले में उच्च न्यायालय के समक्ष एक आवेदन दिया था।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 09:50 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 09:50 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में एंटीजन किट कालाबाजारी में सदर अस्पताल प्रबंधक पर कसा शिकंजा, जानिए पूरा मामला
मुजफ्फरपुर में एंटीजन क‍िट कालाबाजारी में कार्रवाई। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

मुजफ्फरपुर, जासं। एंटीजन किट कालाबाजारी में नामजद आरोपी सदर अस्पताल के प्रबंधक पर अब न्यायालय ने शिकंजा कस दिया है। इस मामले में न्यायालय ने एसएसपी को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कोर्ट के आदेश की जानकारी देते हुए अधिवक्ता एसके झा ने उच्च नयायालय के पत्र को साझा किया है। उन्होंने एंटीजन किट कालाबाजारी मामले में उच्च न्यायालय के समक्ष एक आवेदन दिया था । उस आवेदन में दिए गए तथ्यों के आधार पर उच्च न्यायालय के विधिक सेवा समिति ने संज्ञान लिया है । समिति ने एसएसपी को एक पत्र जारी कर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है । इधर न्यायालय के आदेश के बाद अब हड़कंप मचा हुआ है । इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के कई वरीय अधिकारी भी लपेटे में आएंगे। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अब तक विभाग की ओर से कोई कदम नहीं उठाए जाने की चर्चा हर जगह पर है।

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इस तरह से चला पूरा घटनाक्रम

अधिवक्ता झा ने कहा कि कोरोना काल में लोग जांच व इलाज के अभाव में मरने को मजबूर थे। उस समय सदर अस्पताल के कुछ कर्मी एंटीजन किट व कोरोना मरीजों से जुड़े अन्य सामान की कालाबाजारी कर रहे थे । सकरा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सात कर्मियों को नामजद अभियुक्त बनाया। पांच की गिरफ्तारी हुई, सभी जेल गए। प्रबंधक समेत दो आरोपी फरार हैं।

स्टांप पेपर की कालाबाजारी की शिकायत

कटरा (मुजफ्फरपुर) :कटरा में स्टांप पेपर की कालाबाजारी बड़े पैमाने पर चल रही है। इस संबंध में कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष चंद्रकांत मिश्र ने बताया कि उन्हें एक हजार मूल्य के स्टांप पेपर की जरूरत पड़ी तो निबंधन कार्यालय में कार्यरत स्टांप वेंडरों से संपर्क किया, लेकिन किसी ने स्वीकार नहीं किया । जब बिचौलिए के माध्यम से संपर्क किया तो दोगुनी कीमत पर स्टांप पेपर आसानी से उपलब्ध हो गया । उन्होंने डीएम को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है।


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