दरभंगा में ब्लैक फंगस के तीन संदिग्ध मरीज मिले, दो दरभंगा व एक सहरसा का निवासी
Bihar News विभागाध्यक्ष डॉ. एमके बोस ने बताया कि यह मरीज संदिग्ध है। जांच कराने के लिए सलाह दी गई है। रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। इस तरह के लक्षण कई अन्य बीमारियों में भी होते हैं।
दरभंगा, जासं। दरभंगा में ब्लैक फंगस के तीन संदिग्ध मरीज मिले हैं। इनमें एक सहरसा व दो मरीज दरभंगा जिले के हैं। सहरसा जिला के मरीज को दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कान,नाक व गला विभाग के ब्लैक फंगस के संदिग्ध वार्ड में भर्ती कराया गया है। मरीज की एमआरआइ जांच डीएमसीएच स्थित मेदांता जांच घर में कराई गई है। रिपोर्ट गुरुवार को चिकित्सक को सौंपी जाएगी। इस रिपोर्ट के बाद मरीज की इंडोस्कोपी वार्ड में ही होगी। रोगी की निगरानी के लिए चिकित्सकों की एक टीम को लगा दिया गया है। विभागाध्यक्ष डॉ. एमके बोस ने बताया कि यह मरीज संदिग्ध है। जांच कराने के लिए सलाह दी गई है। रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। इस तरह के लक्षण कई अन्य बीमारियों में भी होते हैं। दूसरी ओर इस जिले के दो संदिग्ध मरीज शहर के एक निजी नर्सिंग होम में आए हैं। लक्षण ब्लैक फंगस का बताया गया है। लेकिन, वह अबतक एक भी दवा का सेवन नहीं किया था। मरीज की स्थिति ठीक थी। इस तरह के लक्षण वाले मरीजों का इलाज संभव होता है।
कुशेश्वरस्थान में एक कोरोना संक्रमित मिला
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सतीघाट में बुधवार को कोविड-19 के जांच में एक व्यक्ति की जांच रिपोर्ट एक पॉजिटिव मिला है। चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. आरव आनंद ने बताया कि 200 लोगों को रैपिड एंटीजन कीट से कोरोना की जांच की गई है। जिसमें, एक व्यक्ति का जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाया गया है। जिन्हें आवश्यक दवा देकर होम क्वारंटाइन में रहने का सलाह दिया गया है। 50 लोगों को सैंपल लेकर आरटीपीसीआर जांच के लिए डीएमसीएच भेजा गया है। उन्होंने बताया कि विभिन्न वैक्सीनेशन शिविर में 80 लोगों को कोविड-19 का टीका लगाया गया। जिसमें स्वास्थ्य उपकेंद्र आसो में 18 से 44 आयु वर्ग के 50 युवाओं को तथा 45 वर्ष से अधिक उम्र के 20 लोगों को पीएचसी में एवं 10 लोगों को मोबाइल टीम ने टीका लगाया।