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यह केवल यहीं संभव, बिना परीक्षा में सम्मिलित हुए ही पास हो गए इस कॉलेज के कई विद्यार्थी

इंटरमीडिएट विज्ञान 2020 की परीक्षा में अनिमितता। रिजल्ट जानने के बाद खुली कॉलेज प्रशासन की नींद। डीईओ ने दिया जांच का आदेश।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 18 Aug 2020 06:32 PM (IST)Updated: Tue, 18 Aug 2020 06:32 PM (IST)
यह केवल यहीं संभव, बिना परीक्षा में सम्मिलित हुए ही पास हो गए इस कॉलेज के कई विद्यार्थी

दरभंगा, जेएनएन। सफल विद्यार्थी सैद्धांतिक के साथ-साथ प्रायोगिक परीक्षा में भी सम्मिलित होते हैं । दोनों पत्रों की परीक्षा में सम्मिलित होना अनिवार्य है। केवल सैद्धांतिक पत्रों की परीक्षा में सम्मिलित होकर कोई पास नहीं कर सकता। मगर, कुछ ऐसे भाग्यशाली छात्र भी हैं जो प्रायोगिक परीक्षा देने कॉलेज गए ही नहीं। घर पर ही बैठे रहे। लेकिन, जब रिजल्ट निकला तो सैद्धांतिक पत्रों के साथ-साथ प्रायोगिक परीक्षा में भी उच्चतम अंकों के साथ उत्तीर्ण घोषित किए गए।

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यह घोटाला कहां हुआ

काजी अहमद इंटर कॉलेज,जाले में ऐसे आठ परीक्षार्थियों का जब रिजल्ट आ गया तब प्रधानाचार्य शचिंद्र कुमार शर्मा की आंख खुली। उन्होंने पाया की आठ परीक्षार्थी प्रायोगिक परीक्षा में अनुपस्थित थे। मगर, रिजल्ट में उनके नाम व क्रमांक के सामने प्रायोगिक परीक्षा के अंक अंकित थे । यह घोटाला कहां हुआ?

जिला शिक्षा पदाधिकारी डॉ. महेश प्रसाद सिंह भी घोटाले की जानकारी मिलते ही चौंक गए। उन्होंने अपने कार्यालय में स्थित परीक्षा नियंत्रण कक्ष को संपूर्ण मामले की जांच का आदेश दिया है। काजी अहमद इंटर कॉलेज जाले के प्रधानाचार्य शचिंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि विज्ञान में हुफैजा हसन, साजिया नवाब कैसर, आफरी नवाब कैसर, ऋषिकेश, जिया अफरोज हैदर ने 2020 में संचालित इंटर की प्रायोगिक परीक्षा नहीं दी थी। सभी आधे दर्जन छात्रों को अनुपस्थित दर्शाते हुए जिला शिक्षा कार्यालय में स्थित इंटरमीडिएट परीक्षा नियंत्रण कक्ष के कर्मियों को सील बंद लिफाफा सौंप दिया गया था। इसी प्रकार फिजा अंजुम और साबरीन प्रवीण दोनों छात्राएं कला की परीक्षार्थी थीं। उन्होंने भी प्रायोगिक परीक्षा में सम्मिलित होना उचित नहीं समझा था।

अनुपस्थित परीक्षार्थियों को भी अंक

सभी आठ परीक्षार्थी किस कारण प्रायोगिक परीक्षा में सम्मिलित नहीं हुए यह तो वही जानें। लेकिन, कॉलेज से इनकी उपस्थिति का विवरण बिहार बोर्ड को भेजने के लिए जिला शिक्षा कार्यालय में दे दिया गया था। जब कॉलेज मेें क्रॉस लिस्ट आया तो पाया कि प्रायोगिक परीक्षा में अनुपस्थित परीक्षार्थियों को उपस्थित दर्शाते हुए अंक भी प्रदान कर दिया गया है। यह घोटाला कैसे हुआ मुझे कुछ नहीं मालूम। संपूर्ण मामले से मैंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को अवगत करा दिया है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को भी इसकी सूचना दी गई है। इस बाबत पूछे जाने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी डॉ. महेश प्रसाद सिंह ने कहा कि मामला गंभीर है। कॉलेज से भेजे गए सील लिफाफे के साथ किसी ने छेड़-छाड़ की है। इसकी जांच कराई जाएगी की गड़बड़ी कहां पर हुई।


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