इस किसान ने गांव को कटाव से बचाने के लिए बनवाए पायलट चैनल
पश्चिम चंपारण के मुरली व भरहवा में विवेक ने अपने खर्चे से पंडई में 600 मीटर पायलट चैनल का कराया निर्माण।
पश्चिम चंपारण, [प्रभात मिश्र]। अधिकारियों ने सुनी नहीं, नेताओं ने भी की अनदेखी। लाख कोशिश के बाद भी सिस्टम की नींद नहीं टूटी। बरसात सिर पर देख पंडई नदी की कटान से खेत व बाग तथा मुरली और भरहवा गांव को बचाने के लिए आगे आए संपन्न किसान विवेक सिंह। उन्होंने अपने खर्चे से पंडई में 600 मीटर लंबा पायलट चैनल बनवा दिया। ग्रामीण भी सहयोग में साथ खड़े हो गए। निश्चय ही इससे बड़ी संख्या में किसान लाभान्वित होंगे।
नदी का प्रवाह क्षेत्र बदलता रहता
गौनाहा प्रखंड की बेलवा पंचायत का मुरली और भरहवा गांव हर साल बरसात में तबाही झेलता है। पंडई नदी गांव की तरफ कटान करती है। नदी का प्रवाह क्षेत्र बाढ़ के कारण अक्सर बदलता रहता है। इस वजह से कई किसानों की जमीन उस नदी में समाहित हो चुकी है। डेढ़ वर्ष पहले विवेक व अन्य किसानों ने गांव को बचाने के लिए स्थानीय से लेकर जिले स्तर के अधिकारियों और नेताओं तक गुहार लगाई। लेकिन, किसी ने ध्यान नहीं दिया। इसके बाद विवेक ने खुद बीड़ा उठाया।
पायलट चैनल के निर्माण की शुरुआत
एक सप्ताह पहले पायलट चैनल के निर्माण की शुरुआत हुई। मंसूर शेख, आफताब आलम, एहसान शेख, साकिर शेख, अरमान शेख और आलमगीर समेत अन्य किसानों ने इसके लिए अपनी जमीन दी। फिर जेसीबी और मजदूरों के सहयोग से 30 से 40 फीट चौड़ा व 600 फीट लंबा पायलट चैनल का निर्माण किया गया। गांव की ओर बह रही नदी की धारा को काटकर सीधी धारा में मिला दिया गया है। इस पर तकरीबन चार लाख खर्च हुए। इससे गांव की तरफ पूर्व के घुमावदार प्रवाह क्षेत्र में पानी का दबाव कम होगा। पेड़-पौधों और खेत की कटान रोकने में मदद मिलेगी। 60 से 70 किसानों की जमीन बचेगी। साथ ही नदी के पश्चिम तकरीबन पांच हजार की आबादी वाले मुरली व भरहवा गांव पर भी बाढ़ का खतरा कम होगा। कटाव रोधी बांध का काम भी हो रहा, जो जल्द पूरा हो जाएगा।
2017 में नदी की कटान से हुई थी तबाही
नरकटियागंज प्रखंड के बरगजवा गांव निवासी विवेक सिंह की तकरीबन पांच एकड़ जमीन मुरली व भरहवा गांव में है। उन्होंने इस पर कुछ साल पहले पांच हजार पौधे लगाए थे। वर्ष 2017 में नदी की कटान से सैकड़ों पेड़-पौधे बह गए थे। खेती योग्य भूमि नदी में विलीन हो गई थी। विवेक बताते हैं कि किया गया खर्च बाढ़ से होने वाली क्षति से कम है।
ग्रामीणों के सहयोग से काम आसानी से
मुखिया शाहिद परवेज कहते हैं कि इससे हजारों की आबादी को लाभ होगा। विवेक की पहल और ग्रामीणों के सहयोग से काम आसानी से हो गया। राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र दुबे कहते हैं कि व्यक्ति में काम करने की इच्छाशक्ति होनी चाहिए।