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ग्रामीण कर रहे थे श्राद्धभोज की तैयारी, आ खड़ा हुआ मृत मान लिया गया युवक, फिर...Muzaffarpur News

ग्रामीण श्राद्धभोज की तैयारी में जुटे थे। इसी बीच संजू ठाकुर (मृत मान लिया गया युवक) वहां पहुंच गया। जिसकी भी नजर उनपर पड़ी उसे अपनी आंखों पर ही भरोसा नहीं हुआ।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 03:04 PM (IST)Updated: Thu, 12 Sep 2019 10:37 AM (IST)
ग्रामीण कर रहे थे श्राद्धभोज की तैयारी, आ खड़ा हुआ मृत मान लिया गया युवक, फिर...Muzaffarpur News
ग्रामीण कर रहे थे श्राद्धभोज की तैयारी, आ खड़ा हुआ मृत मान लिया गया युवक, फिर...Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। मुशहरी थाना क्षेत्र के बुधनगरा में मंगलवार को भी सब कुछ सामान्य दिनों की तरह ही चल रहा था। सेवानिवृत्त सैनिक रामसेवक ठाकुर के यहां उनके 40 वर्षीय मृत मान लिए गए पुत्र का श्राद्धकर्म (40 रस्म तेरहवीं) चल रहा था । ग्रामीण कुछ देर बाद होने वाले श्राद्धभोज की तैयारी में जुटे थे। इसी बीच संजू ठाकुर (मृत मान लिया गया युवक) वहां पहुंच गया। जिसकी भी नजर उनपर पड़ी, उसे अपनी आंखों पर ही भरोसा नहीं हुआ। लगा भ्रम है। पास में खड़े दूसरे व्यक्ति से पूछा, उसने भी बताया कि सामने खड़ा व्यक्ति संजू ठाकुर ही हैं। फिर भी यकीन नहीं हुआ तो आंख मला, चश्मे काे साफ किया। कुछ लोगों ने उन्हें छू कर देखा, सच में संजू ठाकुर ही थे। गम का माहौल खुशियों में बदल गया। संजू को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। सभी पूछने लगे कि वे इतने दिनों तक कहां थे? कैसे रहे? हालांकि दबी जुबान इस बात की चर्चा भी होने लगी कि आखिर जिस युवक का अंतिम संस्कार किया गया, वह कौन था?

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बुधनगरा निवासी सेवानिवृत्त सैनिक रामसेवक ठाकुर का पुत्र संजू मानसिक रूप से बीमार हैं। वे अक्सर घर से कई दिनों तक गायब रहते थे। अगस्त माह में कई दिनों से घर से गायब थे। पिता ने खोजबीन की, लेकिन पता नहीं चला। थककर 31 अगस्त को मुशहरी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। अभी उनकी खोज की ही जा रही थी कि सात सितंबर को मुशहरी थाने से फोन आया कि आपके पुत्र के हुलिए के एक युवक का शव मिला है। हो सकता है कि वह आपका लड़का हो। इसलिए इसकी शिनाख्त एसकेएमसीएच में जाकर कर लें। आठ सितंबर को संजू के पिता दो अन्य ग्रामीणों के साथ एसकेएमसीएच गए और शव की शिनाख्त की। चेहरा गल जाने के कारण पहचान करना मुश्किल हो रहा था। लेकिन, हुलिया पुत्र की तरह देख शव को अपने घर ले आए और उसका दाह संस्कार कर दिया।

मंगलवार को गांव के ही निजी स्कूल के शिक्षक रामाधार ठाकुर किसी काम से शहर जा रहे थे। कन्हौली मोड़ पर संजू ठाकुर को खड़ा देखा। पहले तो उन्हें भी विश्वास ही नहीं हुआ। फिर वे उसके पास पहुंचे और पूछा कि वे इतने दिनों तक कहां रहे? संजू ने बताया कि कहीं भागवत कथा हो रही थी, वे वहीं रह गए। इसके बाद वे उन्हें अपने साथ लेकर आ गए। संजू के गांव पहुंचते ही परिजन हर्षित हो उठे। उन्हें अपनी आंखों पर ही विश्वास नहीं हो रहा था। ग्रामीण गुड्डू कुमार, विश्वनाथ ठाकुर आदि ने बताया कि रविवार को उसका श्राद्ध्‍कर्म हुआ था। मंगलवार को तिराती का भोज था। पंडितजी भी आ चुके थे। तिराती के भोज का निमंत्रण जाने ही वाला था। इसी बीच संजू के जिंदा आ जाने से परिजनों समेत ग्रामीणों में हर्ष व्याप्त हो गया।  


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