राजस्व व भूमि सुधार मंत्री ने कहा, जमीन के पर्चा वितरण का तरीका बदला, अब साथ में ही दाखिल-खारिज और कब्जा
राजस्व व भूमि सुधार एवं कानून मंत्री रामसूरत राय बोले- ट्रांसफर-पोस्टिंग का उद्योग बंद। अच्छा कार्य करने वालों को तरजीह वरना पीछे लगा दिया जाएगा विजिलेंस। नई सरकार में कार्य-संस्कृति में सुधार पर भी खास जोर दिया जा रहा है।
सीतामढ़ी, जेएनएन। सूबे के नए राजस्व व भूमि सुधार एवं कानून मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि बासगीत पर्चा वितरण का तौर-तरीका बदल दिया है। पर्चे के साथ दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) होगा और हकदार को पॉजिशन भी दिलाया जाएगा। नई सरकार ने यह नई घोषणा की है। इसी शर्त के साथ अब बासगीत पर्चा का वितरण होगा। शुक्रवार को मंत्री रुन्नीसैदपुर में स्थानीय जिला पार्षद रुबी कुमारी के आवास पर एक कार्यक्रम के बाद दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने बताया कि अभियान बसेरा के तहत सरकार की जो योजना चल रही है उसके तहत बिना जमीन वाले को जमीन देना है, मगर उसमें कुछ संशोधन किया गया है। दरअसल, बासगीत पर्चा को लेकर पहले जो परंपरा थी उसके मुताबिक भूमि विवाद का मसला सरकार और समाज दोनों के लिए परेशानी का सबब बन गया था। कारण यह कि जमीन का कब्जा किसी और के अधीन होता था और पर्चा कोई और हासिल कर लेता था। इसको लेकर झगड़ा-फसादा होता था। लेकिन अब ऑन स्पॉट पर्चा वितरण होगा। जमीन पर जाकर के अफसर यह देखेंगे कि जमीन उसके कब्जे में है या नहीं, तभी पर्चा मिलेगा।पर्चे के साथ दाखिल-खारिज भी होगा। उसको पॉजिशन भी दिलाया जाएगा।
उधर, मंत्री ने यह भी कहा कि नई सरकार में कार्य-संस्कृति में सुधार पर भी खास जोर दिया जा रहा है। कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक ट्रांसफर-पोस्टिंग का उद्योग नहीं चलेगा। अच्छा कार्य करने वालों को तरजीह मिलेगी और उस हिसाब से उनकी पोस्टिंग भी होगी। जो काम नहीं करने वाले हैं उनके विरूद्ध विभागीय के साथ-साथ निगरानी कार्रवाई भी की जाएगी। जिला पार्षद के यहां कार्यक्रम के मौके पर जिला पार्षद प्रतिनिधि ओम भारती, मनोज कुमार, धर्मेंद्र मेहता, राम चंद साह, हरि किशोर गुप्ता, सुभाष शर्मा भी थे।