Move to Jagran APP

बोले स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव- मेडिकल कॉलेज का भवन जुलाई 2020 तक बनकर हो जाएगा तैयार

हर भवन के लिए अलग-अलग तय किया गया है डेड लाइन। एमसीआइ के मानक पर खरा उतरेगी सरकार व विभाग।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 15 Jun 2019 08:48 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jun 2019 08:48 PM (IST)
बोले स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव- मेडिकल कॉलेज का भवन जुलाई 2020 तक बनकर हो जाएगा तैयार

बेतिया, जेएनएन। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि जुलाई 2020 तक गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज का भवन बनकर तैयार हो जाएगा। सरकार के साथ एलएनटी का जो एकरारनामा बना हैं उसके अनुसार विभिन्न भवनों के लिए अलग-अलग डेड लाइन तय किए गए हैं। शिड्यूल के अनुसार काम किया जा रहा हैं। कुछ भवनों को लेकर एमसीआई को आश्वासन दिया गया हैं। उसे पूरा किया जा रहा हैं। शेष भवन निर्माण का कार्य भी बहुत जल्द पूरा कर लिया जाएगा। ताकि मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई का कार्य सुचारू रुप से हो सके। वे शनिवार को गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने बेतिया पहुंचे थे।

loksabha election banner

 प्रधान सचिव ने पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से भवनों के गति की पड़ताल की। कौन से भवन कब और कैसे बनाना हैं इसकी जानकारी एलएंटी के अधिकारियों ने प्रोजेक्टर के माध्यम से दी। सचिव श्री कुमार ने मेडिकल कॉलेज परिसर में निर्मार्णाधीन भवनों को देख और कई दिशा निर्देश दिए।

 मौके पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. विनोद कुमार प्रसाद, सिविल सर्जन डा. अरुण कुमार सिन्हा, सदर एसडीओ विद्यानंद पासवान, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा. अरविंद नारायण सिंह, अस्पताल अधीक्षक डा. डीएन ठाकुर, उपाधीक्षक श्रीकांत दूबे, डा. विक्टर सलवा तोरी, डा. गोविंदा आचार्य, डा. विजय मंगल देव, स्वास्थ्य प्रबंधक मोहमद सहनवाज सहित एलएनटी के अधिकारी आदि उपस्थित रहे।

आधी अधूरी तैयारी में कैसे? कटवा दिया फीता

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार मेडिकल कॉलेज में सीटी स्कैन उदघाटन के दौरान नाराज हो गए। मौके पर ही उन्होंने संबंधित अधिकारियों की क्लास लगा दी। कहा आधी अधूरी तैयारी में कैसे फीता कटवा दिया? हुआ यूं कि वे मेडिकल कॉलेज में स्थापित सीटी स्कैन का उदघाटन करने पहुंचे। फीता काटने के बाद यहां उनकी नजर कमरे पर पड़ी। जहां मशीन लगाई गई थी। यहां एसी तो चल रहा था, लेकिन फर्श गंदा था। दीवाल की हालत खराब थी। टायस आदि नहीं लगाए गए थे, नतीजतन प्रधान सचिव नाराज हो गए। मौके पर उपस्थित इससे जुड़े अधिकारियों को फटकार लगा दी।

कॉलेज परिसर से नहीं हटेगी महारानी की प्रतिमा

गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज परिसर में स्थापित महारानी जानकी कुवंर की प्रतिमा नहीं हटेगी, बल्कि उसका जिर्णोद्वार किया जाएगा। उक्त बातें प्रधान सचिव ने कही। वे शनिवार को मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण कर रहे थे। एलएनटी के अधिकरियों के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यहां स्थापित प्रतिमा को नहीं हटाया जाएगा।

जिले को मिला सीटी स्कैन का तोहफा

अब जिले के मरीजों को सीटी स्कैन के लिए बाहर का रूख नहीं करना पड़ेगा, बल्कि गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में यह सेवा उन्हें काफी कम कीमत पर प्राप्त होगी। इसका उदघाटन शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार व कॉलेज के प्राचार्य डा. विनोद प्रसाद ने संयुक्त रूप से फीता काट कर किया। इसके साथ ही जिले के मरीजों को सीटी स्कैन का तोहफा प्राप्त हो गया। बता दें कि सीटी स्कैन के अभाव में मरीजों को अस्पताल से बाहर जाना पड़ता था। यहां अधिक रुपये खर्च कर उन्हें सीटी स्कैन कराने की विवशता थी। लेकिन अब इस पर विराम लगेगा। सस्ता और परिसर में ही यह सेवा मरीजों को मिल पाएगी। उदघाटन समारोह में उपाधीक्षक श्रीकांत दूबे, डा. विजय विक्टर सल्वा तोरी, डा. विजय मंगल देव, डा. गोङ्क्षवदाचार्य, डा. मोहनीष सिन्हा, अजय कुमार वर्मा, सुनील पासवान आदि उपस्थित रहे।

स्थाई मान्यता के लिए इंटर्न ने प्रधान सचिव को दिया आवेदन

गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल की मान्यता के लिए इंटर्न ने प्रधान सचिव को आवेदन दिया। प्रशिक्षु चिकित्सकों ने कहा कि कॉलेज की स्थाई मान्यता नहीं होने के कारण उन्हे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। उनका स्टाइपन भी काफी कम हैं। प्रशिक्षु चिकित्सकों ने कहा कि इस युग में केवल 15 हजार के स्टाइपन से क्या होगा। यह न्यूनतम मजूदरी से भी कम हैं। प्रशिक्षु चिकित्सकों ने कहा कि उनका स्टाइपन कम से कम 30 हजार की जाए। आवेदन देने वालों में डा. गौरव सत्यार्थी, डा. मुकेश कुमार, प्रियांशु कुमार आदि शामिल रहे।

एमजेके अस्पताल मेडिकल कॉलेज में हो गया हैं विलय

महारानी जानकी कुवंर अस्पताल गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में विलय हो गया हैं। इसकी सारी व्यवस्थाएं मेडिकल कॉलेज के अधीन हो गई हैं। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने एक सवाल के जवाब में कहा कि एमजेके अस्पताल का अब अपना कुछ भी नहीं हैं। सबकुछ मेडिकल कॉलेज में समाहित हो चुका हैं। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि एमजेके अस्पताल अब पूर्ण रूप से मेडिकल कॉलेज में विलय हो गया हैं। 

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.