सीतामढ़ी से सटे बॉर्डर इलाके में फलफूल रहा नशे का कारोबार, 230 बोतल कोरेक्स के साथ तस्कर गिरफ्तार
सीतामढ़ी जिला से सटे भारत-नेपाल सीमा के इंदरवा बॉडर के रास्ते पर एक तस्कर को 230 बोतल प्रतिबंधित कफ सिरप कोरेक्स के साथ एसएसबी ने पकड़ा। कोरेक्स का उपयोग नशेड़ी अपने नशे के लिए करते हैं। इसलिए इसकी अवैध बिक्री सीमा इलाके में बड़े पैमाने पर होती है।
सीतामढ़ी, जागरण संवाददाता। सीतामढ़ी जिले से सटे भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में नशे का कारोबार तेजी से फलफूल रहा है। हालांकि, सीमा पार नशीले पदार्थे की खेप गाहे-बगाहेे पकड़ी भी जाती है। ऐसे ही एक मामले में एसएसबी जवानों ने नशीली दवा की एक बड़ी खेप के साथ तस्कर को शनिवार को धर दबोचा। इंदरवा बॉडर के रास्ते यह तस्कर बाइक से नशीली दवाइयां ला रहा था। तस्कर की पहचान नेपाल के सर्लाही जिला के चंद्रनगर निवासी रामफल महतो के पुत्र रामप्रवेश महतो के रूप में की गई है। इस मामले में इंस्पेक्टर अविनाश कुमार झाकर के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई। पार्थमिकी के अनुसार, शनिवार दोपहर एसएसबी के जवान पिलर संख्या 320/126 पर ड्यूटी दे रहे थे। भारतीय सीमा से नेपाल की ओर ग्लैमर बाइक (बीआर30आर- 0795) पर सवार चालक को रोका गया। बाइक पर रखी बोरे में 230 बोतल प्रतिबंधित कफ सिरप कोरेक्स बरामद की गई। एसएसबी जवानों ने उसको पकड़कर सोनबरसा पुलिस के हवाले कर दिया। प्रक्षिक्षु डीएसपी खुशरू सिराज ने ड्रग इंस्पेक्टर को बुलवाकर उसकी जांच कराई।
बताया जाता है कि वर्षों से सीमावर्ती क्षेत्र में नशीली दवा का कारोबार फलफुल रहा है। कई दवा विक्रेता इसी का कारोबार कर कमाई कर रहे हैं। सीमावर्ती क्षेत्र के मुजौलिया , इंदरवा, सहोरबा, लालबंदी, सोनबरसा, कन्हौली समेत कई इलाकों में नशीली दवा का कारोबार फैला हुआ है। इसका नेटवर्क पटना से काठमांडू तक जुड़ा है। ड्रग एडिक्ट युवक-युवतियों के लिए कोरेक्स नशे की पसंदीदा दवा है। नेपाल का युवा वर्ग इन नशीली दवाइयों का एक बड़ा खरीदार है। लिहाजा, बाइक से भारतीय सीमा में घुसकर नेपाली युवा इसकी खरीदारी करते हैं। नशा का यह कारोबार इस कदर फलफुल रहा है कि कई दुकानदार अपने मकान में इसके शौकीनों के बैठने का बंदोबस्त भी करके रखे हुए हैं।
एक बोतल कोरेक्स की कीमत 60 रुपये है, लेकिन नशेड़ी उसकी कीमत 300 रुपये चुकाते हैं। अगर यही सामान नेपाल में पहुंच गया तो उस एक बोतल की कीमत 500 रुपये हो जाती है। हालांकि, नेपाल में इसके लिए बड़े सख्त कानून हैं।