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सरकारी दावों को झूठला रही आंगनबाड़ी केंद्रों की जमीनी हकीकत

सामुदायिक भवन के एक ही कमरे में आंगनबाड़ी के अलावा प्राथमिक विद्यालय के पांच वर्ग चल रहे। भवन बनने के बावजूद झोपड़ी में किया जा रहा केंद्र का संचालन।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 30 Nov 2018 11:03 PM (IST)Updated: Sat, 01 Dec 2018 09:25 AM (IST)
सरकारी दावों को झूठला रही आंगनबाड़ी केंद्रों की जमीनी हकीकत
सरकारी दावों को झूठला रही आंगनबाड़ी केंद्रों की जमीनी हकीकत

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। प्रखंड की बाल विकास परियोजना की जमीनी हकीकत सरकारी दावों के विपरीत दिख रही है। आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण पर सरकारी खर्च बेकार साबित हो रही है। कहीं सामुदायिक भवन के एक ही कमरे में आंगनबाडी के अलावा प्राथमिक विद्यालय के पांच वर्ग चल रहे हैं। वहीं, भवन बनने के बावजूद झोपड़ी में केंद्र का संचालन किया जा रहा है।

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पूरे प्रखंड क्षेत्र में नवंबर का पोषाहार न आने से टीएचआर नहीं हो सका। सेविका का मानदेय एक से डेढ़ वर्ष तो सहायिका का दो वर्ष का लंबित है। बाल विकास परियोजना कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार की बात भी दबी जुबान कुछ सेविकाओं ने स्वीकार की। दैनिक जागरण के ऑन द स्पॉट कार्यक्रम के तहत हमारे प्रतिनिधि ने बखरी, मैठी व बेरूआ पंचायत के केंद्रों का जायजा लिया।

ये है रिपोर्ट

10.20 बजे : बखरी के केंद्र संख्या 67 सेविका-सहायिका या बच्चे नहीं पहुंचे थे।

10.30 बजे : केंद्र संख्या 68 सेविका प्रेमलता बच्चों को घर से बुलाकर लाती दिखी। सहायिका नहीं पहुंच सकी थी। केंद्र में आधा दर्जन बच्चे पहले से मौजूद थे।

10.50 बजे : केन्द्र संख्या 69 पर 30 बच्चे उपस्थित थे। सेविका जानकी देवी व बच्चे पोशाक में थे, परन्तु सहायिका सीमा देवी पोशाक में नहीं थीं। राशि के अभाव में टीएचआर नहीं हो पाने की बात कही गई।

11.20 बजे : मैठी पंचायत का केंद्र संख्या 58 झोपड़ी में चल रहा है जबकि भवन भी तैयार है। सेविका वीणा देवी के मुताबिक पंचायत या विभाग से कोई लिखित निर्देश नहीं दिया गया है। सहायिका शिवकला देवी अनुपस्थित थीं।

11.45 बजे : मैठी पश्चिम हरिजन टोला स्थित केंद्र संख्या 57 की स्थिति भयावह दिखी। सामूदायिक भवन के एक कमरे मे आंगनबाड़ी व प्राथमिक बिद्यालय के पांच वर्ग कक्ष चल रहे थे। एक कमरे मे पंचायत भवन है। बरामदे में किचेन थी। सेविका सीमा देवी या सहायिका रीता देवी पोशाक में नहीं थीं। चापाकल व शौचालय न होने की शिकायत शिक्षिका मीरा कुमारी व तालीम मरकज की शिक्षिका नजराना खातून ने की।

12.10 बजे : केंद्र संख्या 55 पर 30 बच्चे उपस्थित थे। सहायिका सुशीला देवी नदारद थीं। सेविका बच्चों को अंडा व सेव खिलाने की तैयारी में थीं।

12.20 बजे : केंद्र संख्या 56 पर सेविका थी। 12 बच्चे कमरे में व कुछ बच्चे खेल रहे थे। सहायिका पोषाहार बना रही थी।

12. 30 बजे : बेरूआ पंचायत का केंद्र 61 झोपड़ी में चल रहा था। सहायिका थी। सेविका अर्चना कुमारी घर से केंद्र पर पहुंची। 28 बच्चे उपस्थित थे कुछ पोशाक मे कुछ सामान्य कपड़े में थे। पोषाहार नहीं बन रहा था।

12.40 बजे : केंद्र संख्या 60 दरवाजे पर बनी झोपड़ी मे केंद्र संचालन कर रही सेविका पुनीता देवी बीएलओ का काम कर रही थी। बच्चो को खिलाकर बीएलओ कार्य में लगी थी। सहायिका ममता देवी अनुपस्थित थीं।

1.00 बजे : केंद्र संख्या 59 पंचायत भवन में संचालित किया जा रहा है। सेविका इंदू कुमारी व सहायिका सुनैना देवी उपस्थित थी। राशि के अभाव में टीएचआर नहीं हुआ। सेविका सहायिका का मानदेय लंबित होने की शिकायत की गई। 


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