CHHATH PUJA : उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ का महानुष्ठान संपन्न
CHHATH PUJA चार दिवसीय अनुष्ठान गुरुवार को नहाय-खाय के साथ आरंभ हुआ था। दूसरे दिन शुक्रवार को खरना की पूजा के बाद शनिवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। छठ का महाअनुष्ठान रविवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया। इस पर्व को लेकर उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों में उत्साह चरम पर दिखा। रविवार की अलसुबह ही व्रती पास के छठ घाटों पर पहुंच गई थीं। वहां वह पानी में खड़े होकर भगवान भास्कर के प्रकट होने का इंतजार करने लगीं। जैसे ही सूर्य देव के दर्शन हुए व्रतियों व अन्य भक्तों ने उन्हें अर्घ्य दिया। इसके बाद प्रसाद का वितरण शुरू हो गया।
यह चार दिवसीय अनुष्ठान गुरुवार को नहाय-खाय के साथ आरंभ हुआ था। दूसरे दिन शुक्रवार को खरना के बाद शनिवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया। रविवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही महापर्व का समापन हो गया। इस पूरे व्रत में दो बार अर्घ्य दिया जाता है। पहला अर्घ्य षष्ठी तिथि के दिन अस्ताचलगामी सूर्य को दिया जाता है। दूसरा अर्घ्य सूर्य उदय होने पर दिया जाता है।
इस बार छठ को लेकर प्रशासन के स्तर से काफी पहले से तैयारी आरंभ कर दी गई थी। छठ घाटों को साफ करने से लेकर व्रतियों के आने-जाने के रास्तों को दुरुस्त किया गया था। इतना ही नहीं घाट तक रोशनी की पूरी व्यवस्था की गई थी। सुरक्षा कारणों से व्रतियों व भक्तों को पानी में केवल तीन फीट तक ही जाने की इजाजत दी गई थी। एसडीआरएफ की टीम भी तैनात की गई थी।
मुजफ्फरपुर में छत पर बने घाट पर भगवान भास्कर को अर्घ्य देतीं बोचहां विधायक।
शाहपुर पटोरी (समस्तीपुर) में वाया नदी के अंदर स्थापित सूर्यदेव की सात घोड़े वाली प्रतिमा।
मंडल कारा, समस्तीपुर में अर्घ्य देते बंदी।
मुजफ्फरपुर के बेला में भारत के मानचित्र में के आकार में बने घाट में भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए खड़ीं व्रती।
बेतिया के सागर पोखर घाट पर अर्घ्य देतीं व्रती।
मुजफ्फरपुर के आश्रम घाट पर श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़।
मधुबनी स्थित गांव अररिया संग्राम में अर्घ्य देते जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा।