सजधजकर दूल्हे का इंतजार करती रही दुल्हन, नहीं पहुंची बरात, पश्चिम चंपारण तरह-तरह की चर्चा
West Champaran News दहेज नहीं देने पर सूनी रह गई निकाह की मजलिस नहीं पहुंची बरात तो घर में मायूसी का माहौल भितहां प्रखंड के परसौना गांव का मामला धरी रह गई बारात के स्वागत की तैयारी ।
पश्चिम चंपारण (भितहा), जासं। सूबे की सरकार भले ही दहेज उन्मूलन के लिए अभियान चला रही, लेकिन समाज में समय समय पर ऐसी घटनाएं सामने आती हैं जो सोचने पर विवश कर देती हैं। ताजा मामला भितहां प्रखंड के परसौना पंचायत का है। एक युवती की शादी उत्तर प्रदेश के देवरिया जिला के ग्राम मदरसन पोस्ट बखरा निवासी अली अहमद मंसूरी के पुत्र मौनुद्दीन मंसूरी के साथ तय हुई थी। बारात शुक्रवार को आने वाली थी। लड़की पक्ष की ओर से बारात की सभी तैयारी पूरी कर ली गई थी। बारातियों के लिए भोजन भी बन गया था। घर में खुशी का माहौल था।
बारातियों के स्वागत की तैयारी चल रही थी तब तक अचानक वर पक्ष की तरफ से एकाएक फोन आया कि जब तक दहेज की पूरी राशि नहीं देंगे तब तक बारात नहीं आएगी। दहेज के तौर पर एक लाख 20 हजार रुपये तय हुआ था जिसमें युवती के पिता ने 40 हजार रुपये अदा कर दिए गए थे। शेष पैसा बारात आने के बाद देने के लिए बोला गया था। वही लड़के के स्वजनों ने कहा कि जब तक पूरा पैसा नहीं आएगा, बारात नहीं जाएगी। जहां ऐन मौके पर बरात नहीं पहुंची और बेटी का निकाह नहीं हो सका।
इधर बारात के खातिरदारी की सारी तैयारियां पूरी की जा चुकी थी। जिसमें दरबार पर टेंट, शामियाना से लेकर मिष्ठान, भोजन आदि की तैयारियां पूरी कर दी गई थी। इधर इस मामला को लेकर पूरे परिवार सहित पूरे गांव में दहेज के इन लोभियों के प्रति लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। वधू पक्ष के परिवार के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल है। पूर्व प्रमुख सह परसौना पंचायत के पंचायत समिति सदस्य तबरेज आलम ने बताया कि लड़की पक्ष को काफी नुकसान हुआ है। जिस घर में शादी की खुशियां थीं वहां उदासी का माहौल है। बेटी के हाथ की मेहंदी फीकी रह गयी, जिससे लोग आक्रोशित हैं। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। उधर, एसडीएम दीपक कुमार मिश्रा ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है। रिपोर्ट तलब की गई है। कड़ा एक्शन लिया जाएगा।