बीएड कॉलेजों की मनमानी बरकरार, नहीं दे रहे मार्क्सशीट व सीएलसी
बीएड कॉलेज वाले 2015-17 के विद्यार्थियों को मार्क्सशीट व सीएलसी नहीं दे रहे। इस सत्र के विद्यार्थियों से ये कॉलेज 35 हजार रुपये डिमांड कर रहे। हवाला हाईकोर्ट के उस आदेश का दे रहे, जिसमें उन्हें डेढ़ लाख रुपये तक फीस लेने की छूट प्राप्त है।
मुजफ्फरपुर । बीएड कॉलेज वाले 2015-17 के विद्यार्थियों को मार्क्सशीट व सीएलसी नहीं दे रहे। इस सत्र के विद्यार्थियों से ये कॉलेज 35 हजार रुपये डिमांड कर रहे। हवाला हाईकोर्ट के उस आदेश का दे रहे, जिसमें उन्हें डेढ़ लाख रुपये तक फीस लेने की छूट प्राप्त है। हालांकि, बढ़ी हुई फीस की देनदारी इस सत्र के विद्यार्थियों की नहीं है। कॉलेज व विद्यार्थियों के बीच यहीं आकर पेंच फंसा है। विद्यार्थी यह तर्क देकर, पैसे देने से इन्कार कर रहे कि उनके सत्र से हाईकोर्ट ने फीस बढ़ोतरी का फैसला नहीं दिया है। उधर, कॉलेज इस तर्क को दरकिनार कर पैसा वसूलने पर ही अडिग है। शुक्रवार को इसी बात को लेकर विद्यार्थियों का हुजूम जागेश्वर राय आरती बीएड कॉलेज महुआ (वैशाली) से कुलपति आवास पर उमड़ा था। कुलपति के नहीं रहने पर विद्यार्थियों ने वहां प्रदर्शन किया। कुलपति ने दिया था आश्वासन
अमित कुमार, अनिल कुमार, मनीष कुमार, संजय, अमरेंद्र, ललित, विकास, सन्नी, शिवनारायण, किरण कुमारी, करूणा कुमारी, हरिकिशोर मिश्रा, अरुण, अर्चना, राधा रमण, प्रियंका कुमारी का कहना था कि आठ सितंबर को कुलपति से मिलने तमाम लोग आए थे। कुलपति डॉ. अमरेंद्र नारायण यादव को जब यह पता चला कि उनके फॉरवार्डिग लेटर का भी कॉलेज संज्ञान नहीं ले रहे तो उन्होंने रजिस्ट्रार के माध्यक से सीधे आदेश पत्र जारी करने का आश्वासन दिया। अब उस आश्वासन के भी सात दिन गुजर गए। इससे विद्यार्थी खफा हैं। कुलपति स्वीकार करते हैं कि 2015-17 के विद्यार्थियों का रिजल्ट उस पैसे के लिए बीएड कॉलेज नहीं रोक सकते जिनकी देनदारी इन विद्यार्थियों की बनती ही नहीं। उन्होंने माना कि यह उन कॉलेजों की मनमानी है और इसपर अंकुश लगाना आवश्यक है।