दहेज हत्या में पति समेत छह ससुरालियों को दस-दस वर्ष सश्रम कारावास
अररिया की शुफिया बयाही गई थी विवि थाने के ताज विशनपुरडीह अलीनगर में। निकाह के सात माह सोलह दिनों के अंदर ही कर दी गई हत्या।
दरभंगा, जेएनएन। दहेज के लिए नवविवाहिता शुफिया गौहर की हत्या करने के मामले में चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश इनायत करीम की अदालत ने गुरुवार को पति समेत छह ससुरालियों को दस-दस वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। सजायाफ्ता लोगों में पति मो. आसिफ एकबाल, ससुर मो. शहाबुद्दीन, देवर सैयद एकबाल, सास बीवी रुकसाना, ननद रेहाना सुल्ताना, ननद सह भाभी रजिया सुल्ताना शामिल हैं। सभी विश्वविद्यालय थानाक्षेत्र के निवासी हैं।
पीपी नसीरुद्दीन हैदर ने बताया कि अररिया जिला के रामपुर कोदरकट्टी निवासी मो. मोईनुद्दीन ने अपनी पुत्री शुफिया गौहर का निकाह 23 अक्टूबर 2013 को विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के ताज विशनपुरडीह अलीनगर निवासी मो. आशिक एकबाल के साथ कराया था। दहेजलोलुपों ने निकाह के सात माह सोलह दिनों के अंदर ही शुफिया को सल्फास खिलाकर और गला दबा हत्या कर दी। इसकी प्राथमिकी मृतका के पिता मो. मोईनुद्दीन ने विश्वविद्यालय थाने में 9 जून 2014 को छह हत्याभियुक्तों के विरुद्ध दर्ज कराई।
अनुसंधानक ने चार माह बाइस दिनों के अंदर सभी अभियुक्तों के विरुद्ध कोर्ट में आरोपपत्र समर्पित किया। अदालत में सत्रवाद संख्या 442/14 के तहत केस का ट्रायल शुरू हुआ। सूचक के अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह और डॉ. राजीव चन्द्र झा ने बताया कि अभियोजन पक्ष से कुल नौ गवाहों की गवाही कराई गई। बचाव पक्ष से आठ गवाह अदालत में प्रस्तुत किए गए।
गुरुवार को अभियुक्तों के सजा के बिंदु पर दोनो पक्षों की बहस सुनने और अभिलेख पर मौजूद साक्ष्यों का अनुशीलन के बाद कोर्ट ने निर्णय सुनाया है। कोर्ट ने सभी अभियुक्तों को एक रायकर आपराधिक षडयंत्र रचकर दहेज के लिए विवाहिता की हत्या करने के जुर्म में भादवि की धारा 304(बी)/34और 120(बी) में क्रमशः दस-दस वर्षों की सजा मुकर्रर की है।