शिक्षक संघ ने की पर्व के पूर्व वेतन भुगतान की मांग, सितंबर से अब तक नहीं मिला वेतन
शिक्षकों का शिक्षा विभाग के प्रति काफी आक्रोश व्याप्त है। प्रारंभिक विद्यालयों माध्यमिक विद्यालयों और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों का वेतन सितंबर माह से ही बकाया है। West Champaran Teachers union Payment Teachers
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। प्रारंभिक विद्यालयों, माध्यमिक विद्यालयों और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों का वेतन सितंबर माह से ही बकाया है। जिससे उनमें विभाग के प्रति काफी आक्रोश व्याप्त है। ऐसे में पर्व कैसे मनेगा ये सोचकर शिक्षक काफी परेशान है। टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के राहुल राज, उपेंद्र कुमार, रङ्क्षवद्र ङ्क्षसह, अविनाश कुमार, राजीव रंजन शास्त्री, दीपक कुमार आदि ने पर्व के पूर्व वेतन भुगतान की मांग करते हुए बताया शिक्षा विभाग के द्वारा सिर्फ घोषणा की जाती है कि वेतन भुगतान एक सप्ताह के अंदर होगा जो कि हवा-हवाई ही साबित होता है, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के अनुसार प्रारंभिक शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए सभी जिलों को आवंटन 2 नवंबर तक भेज दिया जाएगा, परंतु अब तक वेतन भुगतान की कोई खबर नही है।
संघ के सदस्य राजेश्वर प्रसाद, मंजीत मांझी, शैलेन्द्र गुप्ता, अमितेश कुमार, राजन कुमार पटेल आदि ने बताया कि जिले के नवप्रशिक्षित शिक्षकों का बकाया अंतर वेतन भुगतान में भी विभाग उदासीन बना हुआ है जबकि शिक्षको का वेतन निर्धारण हुए एक साल से ऊपर हो चुका है। शिक्षकों ने अविलंब वेतन एवं बकाया एरियर भुगतान की मांग विभाग से की है।
कई विद्यालयों में लटके हैं ताले
विधानसभा चुनाव संपन्न होने के कई दिन बाद भी प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश विद्यालयों में ताला लटके हुए हैं। हालाकि कोविड-19 को लेकर आरंभिक विद्यालयों के ब'चों को विद्यालय जाने पर अभी रोक है। लेकिन शिक्षकों को नियमित रूप से उपस्थित रहने और अन्य विद्यालयीय कार्य के लिए नियमित रूप से विद्यालय खोलने का निर्देश है। लेकिन ऐसा दिख नहीं रहा। ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालयों में गंदगी पसरी हुई है। जिन विद्यालयों को बूथ बनाया गया था, चुनाव बीतने के कई दिन बाद भी वहां साफ सफाई नहीं हुई है। इसके पीछे वजह यह है कि जब तक उन विद्यालयों का ताला नहीं खुला।
शिक्षक ही विद्यालय में नहीं आ रहे हैं। बनवरिया, सुगौली, मल्दहिया, चमुआ, शेरहवा आदि पंचायतों में यह लापरवाही पूर्ण स्थिति बनी हुई है। ग्रामीण रामेश्वर महतो, सुरेश भगत ने बताया कि कोई पदाधिकारी जांच भी नहीं कर रहा। एक तो कोरोना को लेकर ब'चों की पढ़ाई चौपट हो गई दूसरी ओर शिक्षक भी विद्यालय नहीं आ जा रहे हैं। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कृष्णा कुमारी ने बताया कि विद्यालय में शिक्षकों को उपस्थित रहना है।