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स्वच्छता के लिए तालाब से वार्ड पार्षद कैलाश निकालते विसर्जित प्रतिमाएं

16 साल से इस काम में जुटे, कई उनके साथ जुड़े, तालाब के किनारे शौच करने वालों पर भी रखते नजर।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 12:07 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 12:07 PM (IST)
स्वच्छता के लिए तालाब से वार्ड पार्षद कैलाश निकालते विसर्जित प्रतिमाएं
स्वच्छता के लिए तालाब से वार्ड पार्षद कैलाश निकालते विसर्जित प्रतिमाएं

मधुबनी, [विनय पंकज]। जल ही जीवन है। यह दूषित होगा तो जीवन पर संकट पैदा होगा। गंदगी रहेगी तो बीमारियां होंगी। इसे समझते हुए 65 वर्षीय वार्ड पार्षद कैलाश साह ने 16 साल पहले मधुबनी की पहचान प्राचीन गंगासागर तालाब को स्वच्छ रखने की मुहिम शुरू की। इनके अभियान में उम्र मायने नहीं रखता। तालाब में घुसकर गंदगी निकालने का अभियान शुरू तो अकेले किया, लेकिन आज कारवां बन गया है। वे स्वच्छता दूत बन चुके हैं। तकरीबन 20 बीघा में फैला प्राचीन गंगासागर तालाब मधुबनी की पहचान है।

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    गणेश पूजा, कृष्ण जन्माष्टमी, सरस्वती, विश्वकर्मा व दुर्गा पूजा के मौके पर बड़ी संख्या में लोग प्रतिमाओं का इस तालाब में विसर्जन करते हैं। मधुबनी नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड 18 के पार्षद कैलाश साह को वर्ष 2002 में इंद्र पूजा समिति का मेला प्रभारी बनाया गया था। उस वर्ष प्रतिमा विसर्जन के वक्त उन्हें ख्याल आया कि इस तरह तो शहर का यह प्रसिद्ध तालाब प्रदूषित हो जाएगा।

    फिर उन्होंने विसर्जित प्रतिमाओं के अवशेष तालाब से निकालने की ठानी। अकेले ही उन्होंने यह काम शुरू किया। कुछ लोगों ने मजाक उड़ाया तो कुछ ने सराहना की। पर, वे डिगे नहीं। अभियान में लगे रहे। इसके बाद तो सिलसिला चल पड़ा। आज उनके साथ सतीश महथा, ध्रुव नारायण प्रसाद, दीपक दत्ता, कमल साह, इश्तियाक अहमद व ध्रुव नारायण त्रिपाठी सहित दर्जन भर लोग जुड़ गए हैं। 

कुम्हार ले जाते उपयोग लायक सामान

महज पांचवीं तक पढ़े कैलाश गंदगी से किसी भी हाल में समझौता नहीं करते। वे गंगासागर तालाब में प्रतिमा विसर्जन के अगले दिन पहुंच जाते हैं। फिर उसमें स्वयं घुसकर गल चुकी मिट्टी, पुआल, लकड़ी और रस्सी आदि निकालते हैं। अक्सर स्थानीय कुम्हार इसमें से पुन: उपयोग लायक सामान ले जाते हैं। इस तरह तालाब स्वच्छ होने के साथ वह स्थल भी साफ-सुथरा हो जाता है।

खुले में शौच करने वालों पर रखते नजर

कैलाश की नजर गंगासागर तालाब किनारे खुले में शौच करने वालों पर भी होती है। वे प्रतिदिन तालाब किनारे घंटों रहते हैं ताकि कोई खुले में शौच न कर सके। तालाब किनारे निजी वाहन धोने से भी रोकते हैं। इसके लिए कई बार उन्हें ऐसा करने वालों के कोपभाजन का शिकार भी बनना पड़ा है। वे मांगलिक सहित अन्य मौकेपर भी स्वच्छता के लिए तत्पर रहते हैं। छठ पूजा पर भी घाट की सफाई करते हैं।

मधुबनी नगर परिषद की अध्यक्ष सुनैना देवी का कहना है कि स्वच्छता के प्रति कैलाश साह का समर्पण अनुकरणीय है। जल प्रदूषण एक प्रमुख समस्या है। इस दिशा में ऐसी ही जागृति की आवश्यकता है। मधुबनी के विधायक समीर कुमार महासेठ ने कहा कि प्रतिमाओं के अवशेष तालाब से निकालने वाले कैलाश की जितनी भी सराहना की जाए कम होगी। सभी को स्वच्छता के लिए काम करना चाहिए। इसे लेकर नजरिया बदलने की जरूरत है।


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