स्वर्ण इंडिया कंपनी ने जमाकर्ताओं को लगाया 62.50 लाख रुपये का चूना Muzaffarpur News
10 ग्राहकों ने काजीमोहम्मदपुर थाने में दर्ज कराई शिकायत जांच शुरू। पूर्व में भी करोड़ों रुपये की ठगी करने की दर्ज हो चुकी प्राथमिकी।
मुजफ्फरपुर,जेएनएन। स्वर्ण इंडिया मल्टी स्टेट क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी कंपनी द्वारा जमाकर्ताओं को 62.50 लाख रुपये का चूना लगाने का मामला सामने आया है। पूर्व में भी इस कंपनी द्वारा दर्जनों ग्राहकों से करोड़ों रुपये की ठगी करने की प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है। रविवार को ठगी के शिकार 10 ग्राहकों ने काजीमोहम्मदपुर थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि पहले से दर्ज मामले में मुख्य आरोपित की गिरफ्तारी नहीं होने से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।
बताते हैं कि इस कंपनी का कार्यालय अघोरिया बाजार इलाके में है। कांटी के सकलदेव समेत अन्य ने बताया कि इंश्योरेंस के नाम पर कंपनी में निवेश कराया गया था। लेकिन, तय समय पर भुगतान नहीं किया गया। भुगतान के बारे में पूछने पर कर्मियों ने कोई ठोस जवाब नहीं दिया। इसके बाद थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे। थानाध्यक्ष मो. शुजाउद्दीन ने बताया कि शिकायत दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। कंपनी का दफ्तर अघोरिया बाजार में है या नहीं इसका भी पता किया जा रहा है।
ये हुए ठगी के शिकार :
- ठगी के शिकार लोगों में कांटी के सकलदेव से 15 लाख, कांटी हरिदासपुर के ओमप्रकाश से 10 लाख, ब्रह्मपुरा नूनफर के मनोज कुमार से 3.50 लाख, कांटी फुलकांहा के प्रकाश रंजन से आठ लाख, संतोष कुमार से दो लाख, विनोद कुमार पांडेय से दो लाख, झपहां के शिवनाथ साह से तीन लाख, फुलकांहा की रिंकी कुमारी से नौ लाख, कांटी बथनाहां के शम्मी अहमद से 10 लाख और हरेराम साह से ठगी हुई है।
भुगतान के नाम पर मिली धमकी
जून में कांटी दामोदरपुर के सुरेश कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बताया कि कंपनी में इश्योरेंस के नाम पर निवेश कराया गया था। लेकिन, मैच्यूरिटी पूरा होने पर भुगतान नहीं किया गया। दबाव बनाने पर फर्जी बांड पेपर दिया गया था। कंपनी द्वारा एक चेक काटकर दिया गया, जिसे बैंक में जमा करने पर बाउंस कर गया। इससे अवगत कराने पर कर्मियों ने धमकी देना शुरू कर दिया। पीडि़त ने कंपनी के अनिल कुमार, सुनीता देवी, मुकेश कुमार समेत 11 को आरोपित बनाया था। इसके बाद भी अन्य अभिकर्ताओं ने अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई थी।