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सूर्य की किरणें बरपा रही आग , उमस से जनजीवन अस्त व्यस्त

ेमुजफ्फरपुर। सूर्य की किरणें अंगारा बन कहर बरपा रही हैं। घरों से बाहर निकल रहे लोगों का चेहरा झुलस ज

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 May 2018 02:17 PM (IST)Updated: Mon, 07 May 2018 02:17 PM (IST)
सूर्य की किरणें बरपा रही आग , उमस से जनजीवन अस्त व्यस्त
सूर्य की किरणें बरपा रही आग , उमस से जनजीवन अस्त व्यस्त

ेमुजफ्फरपुर। सूर्य की किरणें अंगारा बन कहर बरपा रही हैं। घरों से बाहर निकल रहे लोगों का चेहरा झुलस जा रहा है। वहीं, तपती धरती से खेतों में लगी फसल पर भी असर पड़ने लगा हैं। सोमवार को पारा का उछाल एक डिग्री सेल्सियस और बढ़ गया। जो लगभग 38 डिग्री सेल्सियस पर था और हवा भी पुरवईया थी। जिसके कारण पंखा भी राहत देते नहीं दिख रहा था। इधर मौसम में उमस भी काफी ज्यादा थी। जिससे लोगों के बदन के पसीने नहीं सूख रहे। इसके कारण लोगों को न तो घर के बाहर में राहत है और न ही घर में चैन। सोमवार की सुबह 8 बजे ही सूर्यदेव पूरे तेवर में दिखे। बल्कि, गर्मी की उबाल और पुरवईया की उमस ने लोगों को आलसी बना दिया है। स्थिति यह थी की घर के युवा भी कामकाज को ले घर से बाहर निकलने में मुंह बिदकाते दिखे। सबसे अधिक समस्या स्कूली बच्चों को हो रही है। स्कूल से छुट्टी के समय लौटते समय धूप काफी तेज हो जा रही है। जिससे बच्चों को काफी समस्या हो रही है। इस तपती धूप में अभी तक कक्षा का संचालन मॉर्निंग नहीं किए जाने से बच्चे काफी परेशान हैं। क्षेत्र के औसतन विद्यालयों में बिजली व पंखे की सुविधा नहीं है। जिससे बच्चे वर्ग कक्ष में ही पसीने से तर बतर हो जा रहे हैं। सोमवार को को¨चग से लौटती छात्राओं ने कहा कि अब गर्मी सता रही है। लेकिन, पढ़ने के लिए भी उन्हें परिश्रम तो करना ही पड़ेगा। हालांकि, वे अब धूप में निकलना कम पसंद कर रही थीं। तरबूज की बिक्री बढ़ी

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लोग गर्मी से राहत पाने के लिए शीतल पेय पदार्थ का खूब सेवन कर रहे हैं। हरनाटांड़ में इन दिनों खीरा व तरबूज की बिक्री काफी बढ़ गई है। बाजार में भारी मात्रा में तरबूज गिरे हैं। हरनाटांड़ के किसानों की मानें तो इस वर्ष मौसम में काफी बदलाव हुआ है। चारों तरफ आंधी तूफान से जनजीवन अस्त व्यस्त हो चला है। हालांकि बीते दिनों आई भयंकर ओलावृष्टि को छोड़ दें तो अभी तक मौसम गर्म ही है। यह अलग बात है कि कभी-कभार चक्रवाती हवाओं में हल्की-फुल्की बूंदाबांदी होते दिखी हो। जिसे वो प्री-मानसून की बारिश भी नहीं मानते। जानकारों का कहना है कि फिलहाल मौसम का तपना भी जरूरी है। खेतों के तपने से विषैले जीव-जंतुओं का प्रभाव कम होगा। पूर्व की खेती से उत्साहित किसानों का कहना है कि रोहणी नक्षत्र में यदि बारिश नहीं होती है तो भी वे कृत्रिम संसाधनों के सहारे बीज डालने का काम शुरू कर देंगे। हालांकि मौसम को देखकर यह साफ अंदाज लगाया जा सकता है कि इस बीच आने वाले एक दो दिनों के भीतर भयंकर आंधी तूफान आने का अंदेशा है। लोग अब काफी सहमे व सतर्क हैं।


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