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कंट्रोलर से नहीं संभल रहा विश्वविद्यालय, छात्रों ने मांगा इस्तीफा Muzaffarpur News

परीक्षा विभाग में छात्रसंघ अध्यक्ष के नेतृत्व में छात्रों से तीखी बहस हंगामे की रही स्थिति। स्नातक पार्ट वन टू और थर्ड के हजारों छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 27 Jul 2019 10:28 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jul 2019 10:28 PM (IST)
कंट्रोलर से नहीं संभल रहा विश्वविद्यालय, छात्रों ने मांगा इस्तीफा Muzaffarpur News
कंट्रोलर से नहीं संभल रहा विश्वविद्यालय, छात्रों ने मांगा इस्तीफा Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। विश्वविद्यालय में शनिवार को बंदी से पूर्व परीक्षा विभाग में छात्रों ने जबरदस्त हंगामा किया। छात्रसंघ अध्यक्ष बसंत कुमार सिद्धू से परीक्षा नियंत्रक डॉ. मनोज कुमार की तीखी बहस हुई। अन्य छात्र भी उनके रवैये से बेहद खफा थे। छात्र परिषद बिहार के नेता संकेत मिश्रा ने कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में परीक्षा नियंत्रक रहते उनपर निगरानी द्वारा केस दर्ज कराए जाने का भी आरोप लगाया। कहा कि वैसे व्यक्ति के हवाले छात्रों का भविष्य सौंप देना सर्वथा अनुचित है।

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 छात्र राजद के प्रदेश महासचिव चंदन यादव ने कहा कि उनके रहते छात्रों का भविष्य नहीं संवर सकता। उन्हें अविलंब इस्तीफा दे देना चाहिए। सबका एक ही आरोप कि परीक्षा विभाग की लापरवाही व मनमानी से छात्रों का कॅरियर दांव पर है। छात्रसंघ अध्यक्ष ने कहा कि मौजूदा परीक्षा नियंत्रक से विश्वविद्यालय नहीं संभल रहा। उनको अविलंब हटाया जाए। उनके रहते परीक्षा विभाग की स्थिति और भी बदहाल स्थिति में पहुंच गई है।

 छात्रसंघ अध्यक्ष ने उन्हें चेताया कि रवैये में सुधार नहीं हुआ तो चैंबर में ताले जड़ दिए जाएंगे। उन्हें पूर्ववर्ती कंट्रोलर का जिक्र भी किया। जब उनके चैंबर में अक्सर तालाबंदी होती रहती थी। बिना पहुंच और पैरवी के किसी छात्र का काम विश्वविद्यालय में नहीं हो रहा। प्रोविजनल, माइग्रेशन और डिग्री के लिए रोजाना सैकड़ों विद्यार्थी दौड़ लगा रहे। उनकी सुनवाई नहीं हो रही। ऊपर से परीक्षा नियंत्रक उन विद्यार्थियों को डांट-फटकार लगाकर भगा देते हैं। ऐसी शिकायतों को लेकर प्रभारी कुलपति प्रो. राजेश सिंह खुद भी उनसे खफा हैं। 

कहीं चैंबर बंद तो कहीं कुर्सियां खाली

छात्र अपनी समस्याओं को लेकर विश्वविद्यालय पहुंचते हैं तो संबंधित विभागों में अजीबोगरीब स्थिति से उन्हें परेशानी उठानी पड़ रही है। किसी विभाग में ताला लटक रहा तो किसी में बाबू गायब रह रहे। स्नातक पार्ट वन, टू व थर्ड का पेंडिंग रिजल्ट क्लियर कराने के लिए बड़ा हुजूम उमड़ रहा। आवश्यक कागजात भी लावारिस अवस्था में इधर-उधर बिखरे पड़े हैं। माइग्रेशन का वॉल्यूम विगत चार दिन से खत्म है जिससे माइग्रेशन बनवाने आए लोग बैरंग लौट रहे। छात्रों ने परीक्षा नियंत्रक से सवाल किया कि स्नातक थर्ड पार्ट की जो कॉपी भागलपुर गई थी, छह महीने से वापस क्यों नहीं आ रही? उसके कारण हजारों छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग है।

सोमवार से 11 बजे से दो बजे तक छात्रों से मिलेंगे कंट्रोलर

हंगामे के बाद परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि सोमवार से 11 से दो बजे तक छात्रों की समस्या सुनेंगे और उनका त्वरित निष्पादन के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। उस तीन घंटे के बाद उन्होंने परीक्षा विभाग का मेन गेट बंद रखने की बात कही, ताकि कामकाज को त्वरित गति से निपटाया जा सके। दोपहर दो बजे के बाद आने वाले छात्रों के लिए काउंटर पर आवेदन जमा करने की व्यवस्था होगी।

 परीक्षा नियंत्रक को सुझाव दिया गया कि स्नातक पार्ट वन, ट,ू थर्ड का रजिस्टर मेंटेन करवाइए। जितने एप्लीकेशन आते हैं, उनका अलग रजिस्टर मेंटेन कर छात्रों को रिसीविंग दीजिए। यह भी बताइए कि उनको आगे क्या करना होगा। किस तारीख तक कॉलेज में उनका कागजात पहुंच जाएगा। परीक्षा नियंत्रक इस बात पर भी राजी हो गए।

 इस बारे में परीक्षा नियंत्रक डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि से संबंधित निगरानी का केस बहुत पहले खत्म हो चुका है। निगरानी ने आरोपों को बेबुनियाद पाकर रद कर दिया। रही बात परीक्षा विभाग में पेंडिंग की तो 2011 से ही बड़ी संख्या में रिजल्ट पेंडिंग है। उसको सही कराने के लिए हर रोज छात्र पहुंच रहे हैं। अपनी समस्या को लेकर छात्रों का आक्रोश जायज है।

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