एमडीडीएम की छात्राएं सीखेंगी रोबोट बनाना, पुदुचेरी की कंपनी देगी ट्रेनिंग Muzaffarpur News
एमडीडीएम इस तरह की ट्रेनिंग करानेवाला बिहार का पहला जेनरल कॉलेज। 26 से 30 अगस्त तक रोबोवार नाम से पांच दिनों की ट्रेनिंग।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। अगर आपके अंदर रोबोट बनाने और सीखने की ललक है तो चले आइए लड़कियों के प्रीमियम कॉलेज एमडीडीएम में। 26 से 30 अगस्त तक यहां रोबोवार नाम से पांच दिनों की ट्रेनिंग दी जाने वाली है। इन पांच दिनों में रोबोट बनाना सीख जाएंगे। अधिकतर लोग उनके रोबोट से सामान्य कार्य करने की अपेक्षा ही करते हैं, जैसे एक से दूसरे स्थान तक जाना। आप अपने रोबोट को पूर्णतया एनालॉग चीजों से या कोई स्टार्टर किट खरीद कर शुरुआत कर सकते हैं। स्वयं का रोबोट बनाना खुद को इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर प्रोग्राम सिखाने का एक बेहतरीन तरीका है।
प्राचार्य डॉ. ममता रानी ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि स्पेक्ट्रम सॉल्यूशन पुदुचेरी की एक कंपनी है, उसके साथ मिलकर एक रोबोवार प्रोग्राम कर रहे हैं। ये रोबोट बनाने की एक ट्रेनिंग है। इसके तहत हम लोग तीन-चार दिन काम करेंगे। जैसे 10-10 बच्चों का 10 ग्रुप होगा। इसमें दूसरे कॉलेजों के छात्र भी भाग ले सकेंगे। इंटरमीडिएट, ग्रेजुएशन व पीजी स्तर के विज्ञान के स्टूडेंट्स भाग लेंगे। पांच दिनों की ट्रेनिंग दी जाएगी। रोबोट का कंपीटीशन होगा। जिसका सबसे अच्छा होगा, उसको विनिंग शील्ड दिया जाएगा।
विनिंग टीम घोषित करके सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। ट्रेनिंग सर्टिफिकेट सभी बच्चों को मिलेगा। 100-120 बच्चों को ट्रेनिंग देने का लक्ष्य है। उसके एक्सपर्ट आएंगे। बच्चों से 1200 रुपये रजिस्ट्रेशन चार्ज लिया जाएगा। इसमें सब दिन उन्हें भोजन दिया जाएगा। सर्टिफिकेट किट भी मिलेगा। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित वो सबकुछ होगा। इसके लिए डॉ. नवनीता व डॉ. माला को-ऑर्डिनेटर हैं, उनसे बात की जा सकती है। रजिस्ट्रेशन शुरू है। 20 अगस्त तक रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है।
खेल-खेल में सीख जाएंगे मानव मशीन बनाना
आजकल आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का जमाना है। हर विकसित देश तकनीक के पीछे भाग रहा। जितने उपग्रह हैं, ड्रोन संचालित होता है, होटल में रोबोट काम करता है, ये सब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ही तो है। उसी के तहत हम लोग स्पेक्ट्रम सॉल्यूशन, पुदुचेरी के साथ मिलकर एक रोबोवार प्रोग्राम कर रहे हैं। ट्रेनर आएंगे वो रोबोट का फंक्शनिंग पहले समझाएंगे और ट्रेनिंग देंगे। कैसे एसेंबल होगा, क्या प्रोग्रामिंग होगी कि वो रोबोट बन जाएगा, उसकी ट्रेनिंग मिलेगी। यही है आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस।
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