पीजी हॉस्टल खाली नहीं करने पर अड़े छात्र, वीसी बोले डोंट वरी Muzaffarpur News
छात्रों के आवासन के लिए विश्वविद्यालय करेगा इंतजाम। छात्रों की दलील-एक जुलाई से क्लास और भीषण गर्मी में कहां जाएं छात्र।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में पीजी छात्रों से हॉस्टल खाली कराने के एक आदेश के बाद छात्रों ने एकजुट होकर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। इस कड़ी में सोमवार को पीजी वन, टू, थ्री के छात्र गोलबंद हुए और बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाई। इसी के साथ रजिस्ट्रार कर्नल अजय कुमार राय से भी उन लोगों ने मुलाकात की। विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष बसंत कुमार सिद्धू ने कहा कि मंगलवार से आंदोलन का आगाज किया जाएगा।
प्रभारी कुलपति प्रो. राजेश सिंह से भी उनका प्रतिनिधिमंडल मिलेगा। हर मंच पर छात्र अपनी बात रखेंगे। फिर भी सुनवाई नहीं हुई तो आंदोलन के तौर-तरीकों पर विचार होगा। रविवार को छात्र लोजपा के विश्वविद्यालय अध्यक्ष गोल्डेन सिंह ने भी अपनी नाराजगी जाहिर कर दी। छात्रों की एकजुटता के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन उनके हितों की अनदेखी नहीं होने देने की बात कह रहा है।
हॉस्टल खाली कराए बगैर हो रेनोवेशन
दो दिन पहले ही प्रभारी कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने इस निमित आदेश जारी किया था। विश्वविद्यालय का कहना है कि हॉस्टल जीर्णशीर्ण है और उसका रेनोवेशन कराने के साथ वहां जरूरी सुविधाएं बहाल करना निहायत जरूरी है। ये सब छात्रहित में ही सोचा और किया जा रहा है। भीषण गर्मी के इस मौसम में हॉस्टल से बाहर करने का फैसला छात्रों को नागवार गुजर रहा है।
उनका कहना है कि विश्वविद्यालय अगर सचमुच छात्रों का हितैषी है तो यह काम हॉस्टल खाली कराए बगैर भी किया जा सकता है। दूसरी ओर छात्र इस बात को लेकर भी सशंकित हैं कि कहीं उनका हश्र पीजी गल्र्स हॉस्टल की छात्राओं जैसा न हो। उन छात्राओं को भी आश्वस्त किया गया था कि अतिशीघ्र उनका हॉस्टल मरम्मत कराकर हैंडओवर कर दिया जाएगा। फरवरी के बाद से सभी छात्राएं बाहर हैं और उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही।
पूर्ववर्ती छात्र मिलन समारोह के लिए जल्दबाजी : प्रभारी कुलपति
प्रभारी कुलपति ने कहा है कि छात्रों की मांग अपनी जगह सही है। हॉस्टल की जीर्णशीर्ण स्थिति स्वास्थ्यकर नहीं हैं। लिहाजा, जल्द से जल्द वहां रेनोवेशन के साथ जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए। रही बात जिन छात्रों की परीक्षा होगी या कक्षाएं चलेंगी उनके लिए अतिरिक्त व्यवस्था की जाएगी। मतलब उनके ठहरने का इंतजाम विश्वविद्यालय खुद करेगा। उन्होंने हॉस्टल खाली कराने की नौबत पर दलील दी कि जल्दबाजी इसलिए हो रही है कि नेशनल एल्युमिनी मीट अक्टूबर तो इंटरनेशनल नवंबर में तय है।
हॉस्टल में रहने वाले पूर्ववर्ती छात्र भी चाहते हैं कि वे उन्हीं हॉस्टलों में आकर ठहरें जहां रहकर उन लोगों ने पढ़ाई की थी। पूर्ववर्ती छात्र यहां के छात्रों से मिलकर अपनी खुशियां बांटना चाहते हैं। अगर हॉस्टल को उस लायक नहीं बनाया गया तो यहां आने वाले छात्र क्या परसेप्शन लेकर जाएंगे।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप