जंक्शन पहुंचते ही तालियां बजा जताई खुशी, सरजमीं को किया नमन
कोटा के विज्ञाननगर में जब लगातार कोरोना संक्रमित मरीज मिलने लगे तो रातों की नींद उड़ गई।
मुजफ्फरपुर : कोटा के विज्ञाननगर में जब लगातार कोरोना संक्रमित मरीज मिलने लगे तो रातों की नींद उड़ गई। दिन भी नहीं कट रहे थे। हर दिन गुजारना मुश्किल हो रहा था। बस एक ही चिंता किसी तरह घर पहुंच जाएं। जब केंद्र सरकार ने ट्रेन से घर वापस लाने की पहल की तो आस जगी। बुधवार की दोपहर 03:01 बजे जैसे ही विशेष ट्रेन मुजफ्फरपुर जंक्शन पहुंची तो छात्र-छात्राओं ने ताली बजाकर अपनी खुशी का इजहार किया। स्वास्थ्य जांच के बाद जंक्शन से बाहर निकलते ही अपनी सरजमीं को नमन किया।
प्रशासन की ओर से छात्र-छात्राओं को बारी-बारी से उतरने की हिदायत दी जा रही थी। प्रपत्र में सूचना भरे जाने के बाद ही सैनिटाइजेशन के लिए आगे बढ़ने को कहा जा रहा था। जब छात्र-छात्राएं बस की ओर बढ़े तो बस संचालकों ने उनका सहयोग कर सामान बस तक पहुंचाया। विद्यार्थी बस में सवार होते ही पूछने लगे। सर, बस कब खुलेगी। बस संचालक ने सूचना दी कि प्रशासन की ओर से भोजन का प्रबंध है वह मिल जाता है तो बस खुल जाएगी। लेकिन, बच्चे खाना से ज्यादा घर पहुंचने को उत्सुक थे।
सीतामढ़ी के लिए बस में सवार हुए अंकित कुमार ने कहा कि सर, खाना नहीं भी मिलेगा तो कोई बात नहीं, पहले घर पहुंचा दीजिए। अन्य विद्यार्थी भी जल्दी घर पहुंचने के लिए काफी बेचैन थे।
-------------------
दास्तां ए कोटा : छात्रों की जुबानी सुबह का नाश्ता और दूध कर दिया बंद, बोले अब खाना भी नहीं मिलेगा
इंजीनियरिग व मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के दर्द को सुनकर हर कोई भावुक हो जा रहा था। अभिषेक ने बताया कि पीजी में महीने का किराया देने के बाद भी खाने का अलग से चार्ज लिया जा रहा था। ज्योति ने बताया कि पहले नाश्ता और दूध बंद कर दिया। अब बार-बार आकर कह रहे थे कि खाना भी बंद हो जाएगा।
---------------
बगल के मोहल्ले में मिला कोराना का मरीज तो डर से गायब हुई नींद
कोटा के विज्ञाननगर आए विकास, स्वाति, सुमन राहुल आदि ने बताया कि बगल के मोहल्ले और जहां रहते थे उसके आसपास कई कोरोना पॉजिटिव केस मिले। इसके बाद डर से नींद नहीं आ रही थी। बिहार सरकार को लगातार ट्वीट कर रहे थे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा था तो हमलोग परेशान थे। अब बस जल्दी घर पहुंच जाएं यही उत्सुकता है।
-------------------
दूसरे राज्य के बच्चे चले गए और हमलोग फंसे थे
वैशाली के सन्नी कुमार, सौरभ और विपुल ने बताया कि बिहार के अलावा अन्य राज्यों के विद्यार्थियों को सरकार ने व्यवस्था कर बुलवा लिया था। ऐसे में हमलोग मानसिक तनाव से ग्रसित होते जा रहे थे।