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जिंदा जलाई गई युवती की मौत : पटना में स्वजन CM को बुलाने की मांग पर अड़े, मुजफ्फरपुर में सड़क जाम

Death of a young girl burnt alive युवती के स्वजन मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग पर अड़े हैं। वे सीएम के पहुंचने के बाद ही पोस्टमार्टम कराने की बात कह रहे।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 17 Dec 2019 11:27 AM (IST)Updated: Tue, 17 Dec 2019 11:27 AM (IST)
जिंदा जलाई गई युवती की मौत : पटना में स्वजन CM को बुलाने की मांग पर अड़े, मुजफ्फरपुर में सड़क जाम
जिंदा जलाई गई युवती की मौत : पटना में स्वजन CM को बुलाने की मांग पर अड़े, मुजफ्फरपुर में सड़क जाम

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। अहियापुर में जिंदा जलाई गई युवती की पटना में सोमवार की रात हुई मौत के बाद पटना से मुजफ्फरपुर तक लोगों में आक्रोश है। मुजफ्फरपुर के बैरिया, खबड़ा, क्लब रोड सहित अन्य जगहों पर टायर जलाकर प्रदर्शन व सड़क जाम कर दिया गया है । वहीं पटना में अपोलो बर्न हॉस्पीटल के पास मृतका के परिजनों ने रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया है । इससे सहरसा-पटना ट्रेन वहां रुकी हुई है।अन्य ट्रेनों का परिचालन भी बाधित है। मृतका के स्वजन मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग पर अड़े हैं। वे सीएम के पहुंचने के बाद ही पोस्टमार्टम कराने की बात कह रहे। उनका आरोप है कि युवती को विगत तीन साल से परेशान किया जा रहा था। जब-जब थाने में शिकायत की गई, पुलिस ने कोई पहल नहीं की और आज स्थिति इस स्तर पर पहुंच गई। वे सीएम की ओर से आश्वस्त होने के बाद ही शव को पोस्टमार्टम कराने की बात कह रहे। उनका कहना है कि हमारी बच्ची को इंसाफ चाहिए। आरोपितों पर त्वरित कार्रवाई की जाए। 

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मुजफ्फरपुर में सड़क जाम

वहीं, पटना के अपोलो अस्पताल में युवती की मौत की सूचना मिलते ही मुजफ्फरपुर में भी लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। मंगलवार की सुबह बैरिया गोलंबर के पास लोग एकत्रित हुए और आगजनी करते हुए सड़क जाम कर दिया। इससे आवागमन बाधित हो गया।

10वें दिन हो गई मौत

सात दिसंबर की शाम अहियापुर में जिंदा जलाई गई युवती ने आखिरकार दसवें दिन राजधानी पटना के अपोलो अस्पताल में दम तोड़ दिया। सोमवार की देर रात आखिर में उसने दम तोड़ दिया। उसके मौत की सूचना जैसे ही स्वजनों को लगी, अपोलो अस्पताल के अंदर और बाहर का माहौल गमगीन हो गया। स्वजनों के चीत्कार से अस्पताल में जो जहां था, वहीं सहम गया।

रोते स्वजनों को हिम्मत बंधाती रही

93 फीसद जल चुकी युवती ने सबको अपने साथ हुई घटना की हकीकत को बताया। दो बार पुलिस को बयान दिया। यह सारी कोशिश उसने बस इस बात के लिए कि उसके साथ जो हुआ और किसी के साथ नहीं हो। उसकी गंभीर स्थिति को देख जब भी स्वजन विचलित होते या रोते तो उसकी हिम्मत उन्हें ढाढस बंधा जाती थी।इस गंभीर मामले की जांच जब नगर पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व वाली टीम ने शुरू की और निजी अस्पताल का रिकार्ड खंगाला गया तो अस्पताल प्रबंधन की ओर से सूचना दी गई कि युवती के भर्ती होने के बाद थाने को सूचना भेजी गई थी। इस तथ्य के सामने आने के बाद तत्काल सिटी एसपी ने संबंधित अहियापुर थानाध्यक्ष से जवाब मांगा। पूछा कि आखिर कौन थे ऑन-ड्यूटी ऑफिसर, यदि सूचना मिली तो तत्काल कौन गए और वरीय अधिकारियों को इतनी बड़ी घटना की जानकारी देने में देरी क्यों हुई।

 09 दिसंबर को ही एसकेएमसीएच में अपनी बेटी के जख्मों को रेखांकित करते हुए युवती की मां ने पुलिस महानिरीक्षक से करीब घंटे भर बात की थी। इस दौरान उसने घटना को विस्तार से कहा था। आइजी को बताया था- दो साल पहले से थाने का चक्कर लगा रही थी। लेकिन, 2017 व 2018 में रहे तत्कालीन थानाध्यक्ष ने मेरी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया और आरोपितों का मनोबल बढ़ता गया। नतीजा यह हुआ कि मेरे घर में घुसकर दङ्क्षरदों ने मेरी बेटी को जिंदा जलाने की कोशिश की।  


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