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सिमट रही सड़कें बढ़ रहे वाहन, हाफ रही व्यवस्था

शहर में प्रतिदिन दस हजार से अधिक छोटे-बड़े वाहन सड़क पर उतरते है। शहर की सड़कों पर करीब पांच लाख लोगों का दबाव होता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Jul 2018 03:00 PM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 03:00 PM (IST)
सिमट रही सड़कें बढ़ रहे वाहन, हाफ रही व्यवस्था

मुजफ्फरपुर। शहर में प्रतिदिन दस हजार से अधिक छोटे-बड़े वाहन सड़क पर उतरते है। शहर की सड़कों पर करीब पांच लाख लोगों का दबाव होता है। लेकिन, इसके लिए बना ट्रैफिक सिस्टम पूरी तरह कमजोर है। नतीजा, भीड़ एक तरफ नियंत्रित होती है तो दूसरी तरफ ..। जैसे ही भीड़ होती है ट्रैफिक सिपाही हाफने लगते हैं। स्थापना काल से ही यहां का ट्रैफिक सिस्टम बिना ईधन के वाहन जैसा रहा है। मसलन ट्रैफिक अधिकारी, सिपाही व मूलभूत संसाधनों की कमी। शहर एनएच - 28, एनएच -57, एनएच - 77 एवं एनएच - 102 से जुड़ा है। करीब 72.17 किलोमीटर लंबे सड़क नेटवर्क में से नगर निगम 38, ग्रामीण कार्य विभाग 17.12 एवं 16.69 किलोमीटर जिला परिषद् के अधीन है।

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शहर की आबादी बढ़ रही है। बड़े-बड़े मॉल-मार्केट तथा अपार्टमेंट बन रहें हैं। वाहनों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। इसके ठीक विपरित अतिक्रमणकारियों एवं अवैध वाहन पार्किंग के कारण सड़कों की चौड़ाई लगातार घट रही है। ऐसे में सड़क पर वाहन दौड़ने की जगह सरक रहें हैं। जाम जेब पर भी हमला

भागता हुआ शहर हर रोज घंटे-दो घंटे के लिए रूक जाता है। थम जाती है शहर की रफ्तार। तब चौक-चौराहों पर भीड़ का हिस्सा बने लोगों के लिए कोई चारा नहीं होता। जी हां, यह स्थिति जाम की है। कहने-सुनने के लिए छोटी सी बात, लेकिन इसका हश्र भुगतने वो अच्छी तरह जानते हैं। रोजमर्रा के जीवन को बुरी तरह प्रभावित करने वाले जाम ने कई समस्याएं खड़ी की है। जेब ढ़ीली करने के अलावा यह लोगों की सेहत पर भी ग्रहण लगा रहा है। इस प्रकार बढ़ जाता है खर्च :-

जाम के कारण लो रूट बदलकर सफर करते हैं। ऐसे में किराया अधिक खर्च करना पड़ता है।

- टू-व्हीलर या फोर व्हीलर भी जब दूसरे रास्तों से मंजिल तक पहुंचते है तो पेट्रोल की खपत बढ़ जाती है।

- जाम में लंबे समय तक इंजन स्टार्ट रहने से भी पेट्रोल और डीजल खर्च बढ़ जाता है।

- जाम में वाहन के क्लच व ब्रेक का इस्तेमाल ज्यादा होता है। जिससे क्लच प्लेट जलने का खतरा रहता है।

- एक्सीलेटर व ब्रेक का इस्तेमाल ज्यादा होने से इंधन की खपत बढ़ जाती है।

- जाम में लगातार फंसने वाले वाहनों का मोबिल भी जल्द जल जाता है। जाम से बीमार हो रहे सब

जाम इंसान के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही नुकसानदेह है। यह कई तरह से सेहत को प्रभावित करता है। सेहत पर पड़ने वाला प्रभाव

- यदि हर रोज आज जाम में फंस रहे हों तो एंजाइटी की समस्या हो सकती है।

- शरीर में हार्मोन का उतार-चढ़ाव हो सकता है, जिससे घबराहट बढ़ सकती है।

- चक्कर आ सकता है और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।

- हाईपर टेंशन से ब्लब प्रेशर कम हो सकता है और बेहोशी आ सकती है।

- आपकी पुरानी एलर्जी की बीमारी फिर से उखड़ सकता है।

- जाम में धुंआ ज्यादा होता है, इसलिए सांस की बीमारी हो सकती है।

- आप लंबे समय तक धूप में खड़े रहते है तो डिहाईड्रेशन, फीवर हो सकता है।

- घबराहट बढ़ने से सीने में दर्द भी हो सकता है।

- गंभीर मरीज लंबे समय तक जाम में फंस जाय तो उसकी मौत भी हो सकती है।


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