श्री श्री ठाकुर अनुकूलचंद्र ने सभी जाति और संप्रदायों में किया एकता का सूत्रपात Muzaffarpur News
धूमधाम से मनाया गया 132वां जन्म महामहोत्सव सह श्रीविग्रह मंदिर का 23वां उद्बोधन उत्सव। मुजफ्फरपुर सहित राज्य के विभिन्न जिले व झारखंड से भी आए सत्संगी।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। मनुष्य जिसकी श्रद्धा करता है, वैसा ही बनता है और पाता भी वैसा ही है। श्रीश्री ठाकुर अनुकूलचंद्र जी ऐसे ही युग प्रवर्तक महामानवों में एक हैं, जिन्होंने सभी जाति, धर्म व संप्रदाय के व्यक्तियों में परस्पर एकता का सूत्रपात किया। ये बातें रविवार को जिला परिषद अध्यक्ष इंदिरा देवी ने कहीं। वे आमगोला स्थित सत्संग विहार मंदिर में आयोजित श्रीश्री ठाकुर अनुकूलचंद्र जी के 132वें जन्म महामहोत्सव सह मंदिर के 23वें उद्बोधन उत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहीं थीं।
बचने-बढऩे का विधान
उन्होंने कहा कि श्रीश्री ठाकुर ने लोगों को बचने-बढऩे का विधान दिया है। इसके पूर्व मंदिर सचिव डॉ.गजेन्द्र प्रसाद सिंह ने भक्तों का अभिनंदन करते हुए मंदिर के इतिहास से अवगत कराया। कहा कि आज जहां व्यक्तिगत जीवन में लोग निराशा, कटुता एवं आतंकवाद की समस्या से त्रस्त हैं। श्रीश्री ठाकुर जी की विचारधारा उन समस्याओं के समाधान में प्रासंगिक है। कार्यक्रम की शुरुआत उषा कीर्तन के बाद प्रभात फेरी से हुई। इसके बाद विनती प्रार्थना व विभिन्न धर्मग्रंथों का पाठ किया गया।
मौके पर बाहर से आए भक्तों व कलाकारों ने अपने भजनों से माहौल को ठाकुरमय कर दिया। इस दौरान हुई धर्मसभा की अध्यक्षता डॉ.कौशल किशोर सिंह ने की। संचालन डॉ.गजेंद्र प्रसाद सिंह व धन्यवाद ज्ञापन योगेंद्र प्रसाद ने किया। इसमें पटना से आए ऋत्विक नारायण प्रसाद व कमल मोहन प्रसाद, पूर्व प्राचार्या डॉ.निर्मला झा, मोतीपुर के लखींद्र चौधरी, शिवहर के राम नरेश प्रसाद व सुरेश झा, ओमप्रकाश साह, अखिलेश, प्रभु आदि ने भी विचार रखे। सौ से अधिक लोगों ने दीक्षा भी ग्रहण की और प्रसाद ग्रहण किया।