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काल्पनिक नामों पर हजारों टन उर्वरक बेच डाला, सोया रहा विभाग, हेराफेरी करते रहे दुकानदार

मुजफ्फरपुर जिले में नीम कोटेड यूरिया की बिक्री में दुकानदारों ने जमकर हेराफेरी की है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के एक्शन में आने के बाद शुरू हुई मामले की जांच।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 09:09 AM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 09:09 AM (IST)
काल्पनिक नामों पर हजारों टन उर्वरक बेच डाला, सोया रहा विभाग, हेराफेरी करते रहे दुकानदार
काल्पनिक नामों पर हजारों टन उर्वरक बेच डाला, सोया रहा विभाग, हेराफेरी करते रहे दुकानदार

मुजफ्फरपुर, [नीरज]। जिले में नीम कोटेड यूरिया की बिक्री में गड़बड़झाला के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। मामले को लेकर कृषि विभाग सवालों के घेरे में है। विभाग सोया रहा और दुकानदार हेराफेरी करते रहे। विभाग की तंद्रा तब टूटी जब केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने एक्शन लिया और कृषि निदेशालय पटना ने डीएम से मामले की जांच कराते हुए जिले के टॉप 20 उर्वरक खरीदारों की सूची मांगी।

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16 दुकानदारों की हेराफेरी पकड़ी

डीएम द्वारा गठित टीम ने मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपी। डीएम द्वारा गठित टीम ने नौ और डीओ स्तर से सात दुकानदारों की हेराफेरी पकड़ी गई। विभाग द्वारा अब इन दुकानदारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की प्रक्रिया जारी है। तत्काल इन 16 समेत 37 दुकानदारों का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है।

चल रही लगातार छपेमारी

जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रशेखर सिंह के नेतृत्व में कृषि विभाग की टीम लगातार छापेमारी कर दुकानों की जांच कर रही है। इसके चलते दुकानदारों में हड़कंप है। डीएओ ने बताया कि शिकायत मिलते ही उन्होंने जांच शुरू कर दी। बताया कि जांच अब भी जारी है।

ऐसे आया मामला पकड़ में

जिले में पास मशीन के जरिये आधार नंबर पर उर्वरक की बिक्री करनी है। वहीं बिक्री का हिसाब किताब वेबसाईट पर दर्ज करना है। इलाके के दुकानदारों ने एक ही आधार नंबर और काल्पनिक नाम पर हजारों टन उर्वरक की बिक्री दिखा वेबसाइट पर अपलोड कर दिया। केंद्रीय कृषि मंत्रालय की टीम ने मामले को गंभीरता से लिया। जबकि, स्थानीय स्तर पर इसकी शिकायत नवपदस्थापित डीएओ चंद्रशेखर सिंह को मिली। डीएओ ने शिकायत के आलोक में जांच शुरू की। इस दौरान उन्होंने 21 दुकानदारों की चोरी पकड़ी। इसी बीच पांच अगस्त को कृषि मंत्रालय ने 13 बिंदुओं पर डीएम से रिपोर्ट मांगी। इसके आलोक डीएम द्वारा गठित टीम ने मामले की जांच की। इसमें नौ दुकानदारों की संलिप्तता सामने आई। जबकि, डीएओ की जांच में सात दुकानदारों की संलिप्तता सामने आई।

चार माह में 20 किसानों के नाम पर 279 टन की बिक्री

चार माह में इलाके के 20 लोगों के नाम पर 279.585 टन नीम कोटेड यूरिया की बिक्री का उद्भेदन हुआ। इनमें कई काल्पनिक नाम हैं तो कई किसानों का पता ही दर्ज नहींं है। सरैया के बसरा काजी गांव निवासी अभिषेक के नाम पर अप्रैल से जुलाई तक 50.4 टन नीम कोटेड यूरिया की खरीद का उल्लेख है। साहेबगंज के नीरपुर चौक सरैया निवासी आदित्य राज के नाम 20.43 टन, जैतपुर गिजास मठ टोला के जयनारायण साह के नाम पर 8.81 टन, सकरा के शशिरंजन कुमार के नाम पर 17.64 टन, हरपुर के सुजीत कुमार गोस्वामी के नाम 37.8 टन, औराई विशुनपुर जगदीश के रामजी राम के नाम पर 17.28 टन, रविरंजन कुमार के नाम 14.535 टन, कुमेश चौधरी, मुकेश, नरेश साह, नीलम देवी, रहमान खान, राजेंद्र, राजेश, विकास, विक्की, विनोद व योगेंद्र के नाम पर नौ-नौ टन यूरिया की खरीद दर्शाई गई है। 


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