पहाड़ों में हिमपात से उल्टी हुई पारे की चाल, मौसम विभाग का यह है पूर्वानुमान
4.5 पर न्यूनतम तापमान स्थिर, अधिकतम में उतार-चढ़ाव। पश्चिमी विक्षोभ कमजोर होने से नहीं बन पा रही कुहासे की स्थिति।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। कई दिनों से 'संवेदनशील' बना मौसम अब मुश्किल हालात पैदा कर रहा। बच्चों से लेकर बड़ों तक को बीमार कर रहा। जलवायु परिवर्तन की मार का कहर इस बार पूरी तरह दिख रहा। दिन में जितनी धूप, रात में उससे दोगुनी ठंड। पश्चिमी विक्षोभ नहीं बनने से न तो कुहासा हो रहा और न ही हवा में नमी। पहाड़ों में जारी बर्फवारी का मैदानी क्षेत्रों में सीधा असर दिख रहा है। कनकनी में लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।
मौसम विभाग का अनुमान है कि उत्तर बिहार में अभी आसमान साफ और शुष्क ही रहेगा। कुहासा भी नहीं रहने की संभावना है। हालांकि, सुबह में हल्का कुहासा हो सकता है। यह आठ बजते बजते धूप तेज होते छंट जाएगा। यही स्थिति विगत एक सप्ताह से अधिक समय से जारी है।
यह स्थिति और स्टेज है खतरनाक
मौसम वैज्ञानिक डॉ. ए. सत्तार ने कहा कि मौसम का ये खतरनाक स्टेज चिंताजनक है। ठंड में इतना शुष्क मौसम नहीं होना चाहिए। अभी पश्चिमी विक्षोभ मजबूत नहंीं हो पा रहा। अलविदा 2018 के अंतिम दिनों की ठंड नववर्ष में भी पीछा नहीं छोड़ रही। एक सप्ताह से दिन में धूप और रात में कड़ाके की ठंड पड़ रही।
शिशु वार्ड में भरे बच्चे
इधर, ठंड की मार से एसकेएमसीएच, सदर अस्पताल और केजरीवाल आदि अस्पतालों में बच्चे बीमार होकर पहुंच रहे। केजरीवाल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. बीएन तिवारी ने बताया कि पूरा वार्ड फुल है। उन्होंने परिजन से बच्चों को ठंड से बचाने और कै दस्त की हालत में ओआरएस या नमक व चीनी का घोल देने की सलाह दी।