काष्ठ उद्योग प्रोत्साहन नीति से साढ़े छह लाख परिवार होंगे लाभान्वित, यह की गई है व्यवस्था
आरा मिल संरक्षण समिति के प्रस्ताव पर सरकार ने लिया निर्णय। प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने समिति के सचिव को किया आमंत्रित।
समस्तीपुर, जेएनएन। सरकार द्वारा बिहार काष्ठ आधारित उद्योग प्रोत्साहित नीति 2020 का संकल्प जारी किया गया है। इससे साढ़े छह लाख परिवारों को लाभान्वित होना निश्चित है। बिहार राज्य आरा मिल संरक्षण समिति द्वारा उठाए जा रहे आवाज पर सरकार ने यह कदम उठाया है। इसमें पहली बार लकड़ी उद्योगों को पूंजीगत निवेश लागत का 35 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। इसकी अधिकतम सीमा एक करोड़ 75 लाख रुपया रखी गई है। इस नीति को जल्द ही लागू किया जाएगा।
इसके मद्देनजर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने संरक्षण समिति के सचिव रामदुलार शर्मा को दिशा निर्देश बनाने में सलाह व सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया है। इससे जुड़े कारोबारियों को भी सूचित करने को कहा है। सरकार के मुख्य वन संरक्षक द्वारा आज गुरुवार को जारी पत्र में यथाशीघ्र विचार-विमर्श का आग्रह करते हुए कहा है कि उक्त विषय पर यथाशीघ्र कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए रोसड़ा के वार्ड नंबर पांच निवासी बिहार राज्य आरा मिल संरक्षण समिति के सचिव रामदुलार शर्मा ने सरकार की इस औद्योगिक नीति पर धन्यवाद देते हुए कहा कि फर्नीचर आरा मिल, विनियर मिल एवं प्लाइवुड उद्योगों के आधुनिकरण एवं उद्योगों की स्थापना में प्रोत्साहन बिक्री के अवसर के साथ लकड़ी पेशा से जुड़े लोगों के जीवन स्तर का उन्नयन होगा।
बिहार की औद्योगिक नीति में लकड़ी उद्योगों को प्राथमिकता की श्रेणी में स्थान दिया गया है। श्रेणी वार उद्योगों की परियोजना की लागत मूल्य निर्धारण एवं नीति के सफल कार्यान्वयन हेतु आरा मिल संरक्षण समिति तत्पर है। इस नई नीति का मुख्य उद्देश्य वित्तीय सहायता और सक्षम वातावरण के माध्यम से बिहार काष्ठ व्यवसाय क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना व सुविधाजनक बनाना, तकनीकी स्तर बढ़ाने, अपव्यय को कम करने, मूल्यवद्र्धन ,भंडारण, कौशल उन्नयन और निर्यात को बढ़ावा देने के साथ काष्ठ आधारित उद्योग का समग्र विकास के साथ-साथ मूल्यवद्र्धन एवं अपशिष्ट में कमी कर उद्यमियों को बेहतर रिटर्न देकर उनके आय को बढ़ावा देना है।
सरकार की इस नीति में काष्ठ आधारित उद्योगों में रोजगार का अवसर पैदा करना, किसानों द्वारा रोपित पौधों के लाभकारी मूल्य का भुगतान करना, शिल्पकारों के कौशल विकास में वृद्धि करना, उन्हें आधुनिक एवं कुशल उपकरण व सहायता उपलब्ध कराना तथा आधुनिक उपकरणों एवं संयंत्रों के माध्यम से लघु फर्नीचर इकाई एवं शिल्प कला इकाई को सहायता करना शामिल है। उन्होंने विगत 30 दिसंबर 2019 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पटना में आयोजित उद्यमी पंचायत की बैठक में अपने द्वारा उठाए गए इन मुद्दों के आधार पर सरकार द्वारा निर्णय लेना बताया है। प्रदेश सचिव ने राज्य सरकार एवं मुख्य वन संरक्षक को साधुवाद देते हुए कहा कि निश्चित रूप से इस नीति के तहत काष्ठ आधारित उद्योग और कारोबारियों के दिन बहुरेंगे।