बहनों ने भाइयों की कलाई पर बांधी स्नेह की डोर
भाई-बहन के स्नेह के त्योहार रक्षाबंधन के अवसर पर सोमवार को बहनों ने भाई की कलाई पर राखी बांध अपनी सुरक्षा और सम्मान की कामना की। भाइयों ने उनको रक्षा का वचन व उपहार दिए। पंडितों की मानें तो भाई-बहन का यह पवित्र त्योहार इस बार बेहद खास रहा क्योंकि इस साल रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु का शुभ संयोग बना। र
मुजफ्फरपुर । भाई-बहन के स्नेह के त्योहार रक्षाबंधन के अवसर पर सोमवार को बहनों ने भाई की कलाई पर राखी बांध अपनी सुरक्षा और सम्मान की कामना की। भाइयों ने उनको रक्षा का वचन व उपहार दिए। पंडितों की मानें तो भाई-बहन का यह पवित्र त्योहार इस बार बेहद खास रहा, क्योंकि इस साल रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु का शुभ संयोग बना। रक्षाबंधन पर ऐसा शुभ संयोग 29 साल बाद आया। साथ ही इस साल भद्रा और ग्रहण का साया भी नहीं रहा।
जन्म से पहले रक्षा, बाद में करें सुरक्षा
लड़कियों के जन्म के पहले रक्षा, बाद में सुरक्षा के संकल्प के साथ मिशन भारती रिसर्च इंफॉर्मेशन सेंटर व बिहार गुरु के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश तिरंगा व सोनू सिंह ने जिला बार एसोसिएशन की उपाध्यक्ष डॉ.संगीता शाही के घर जाकर राखी बंधवाई। उधर, इनरह्वील क्लब ऑफ मुजफ्फरपुर की अध्यक्ष रूपा सिन्हा ने काजीमुहम्मदपुर थानाध्यक्ष मो.शुजाउद्दीन को राखी बांधी। पौधों को बांधा रक्षा सूत्र
पुरुषोत्तमपुर के श्री गणेश मंदिर परिसर में 108 मौलश्री पौधों को रक्षा सूत्र बांध पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया गया। उधर, अखंड भारत पुरोहित महासभा की ओर से पेड़ को राखी बांध उसे बचाने का संकल्प लिया गया। मौके पर संयोजक पंडित हरिशंकर पाठक, लड्डू, शशिभूषण सिंह, संजीव सिंह, पंकज कुमार सिंह, गुड़िया, रानी, श्वेता, विजय पाठक, अखिलेश पाठक आदि भी थे।
भाइयों को राखी बांधने पहुंची बहनों को निराशा ही हाथ लगी :
जेल में बंद भाइयों को राखी बांधने पहुंची बहनों को निराशा ही हाथ लगी। वे अपने भाइयों से नहीं मिल पाई। जेल गेट पर ही उन्हें सुरक्षा कर्मियों को राखी का लिफाफा सौंप देना पड़ा। कोरोना के संक्रमण से बचाव को लेकर जेल प्रशासन ने इस बार अलग व्यवस्था कर रखी थी। जेल के बंदियों को प्रत्यक्ष तरीके बहनों को राखी बांधने पर रोक लगाई गई थी। जेल उपाधीक्षक सुनील कुमार मौर्य ने बताया कि सौ से अधिक बहनें राखी लेकर आई थी। राखी को सैनिटाइज कर उनके भाइयों तक पहुंचा दिया गया है।
रक्षाबंधन: जेल में बंद भाइयों को राखी बांधने पहुंची बहनों को निराशा हाथ लगी जासं, मुजफ्फरपुर : जेल में बंद भाइयों को राखी बांधने पहुंची बहनों को निराशा ही हाथ लगी। वे अपने भाइयों से नहीं मिल पाई। जेल गेट पर ही उन्हें सुरक्षा कर्मियों को राखी का लिफाफा सौंप देना पड़ा। कोरोना के संक्रमण से बचाव को लेकर जेल प्रशासन ने इस बार अलग व्यवस्था कर रखी थी। जेल के बंदियों को प्रत्यक्ष तरीके बहनों को राखी बांधने पर रोक लगाई गई थी। जेल उपाधीक्षक सुनील कुमार मौर्य ने बताया कि सौ से अधिक बहनें राखी लेकर आई थी। राखी को सैनिटाइज कर उनके भाइयों तक पहुंचा दिया गया है।