यूजीसी की सिंगल गर्ल चाइल्ड योजना से सशक्त बन रहीं बेटियां
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से शुरू की गई इंदिरा गांधी पीजी सिंगल गर्ल चाइल्ड स्कीम बेटियों को सशक्त बना रही है।
मुजफ्फरपुर : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से शुरू की गई इंदिरा गांधी पीजी सिंगल गर्ल चाइल्ड स्कीम बेटियों को सशक्त बना रही है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में इस योजना का लाभ पाकर छात्राएं आगे बढ़ रही हैं। इस वर्ष इसके लिए योग्यता वाली छात्राएं 30 नवंबर तक आवेदन कर सकती हैं। साथ ही 15 दिसंबर तक विश्वविद्यालय की ओर से इसका सत्यापन किया जाएगा और उसके बाद यूजीसी की ओर से जांच में सभी प्रमाणपत्र सही पाए जाने पर इसका लाभ मिलने लगेगा। योजना का लाभ पाने की पहली शर्त यह है कि छात्रा इकलौती संतान हो। उसका कोई जुड़वा भाई या बहन होने पर भी योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। इसके पीछे यह भी उद्देश्य है कि संक्षिप्त परिवार को बढ़ावा मिलेगा। पीजी प्रथम वर्ष में यदि छात्रा को 60 फीसद अंक प्राप्त होते हैं, तभी वह दूसरे वर्ष के लिए इस स्कॉलरशिप के योग्य हो सकती है। दिव्यांगों के लिए इसमें पांच फीसद तक छूट दी गई है। वहीं लाभ मिलने के बाद भी किसी प्रकार का कोई फर्जीवाड़ा उजागर होने पर यूजीसी को पूरी राशि चेक या डीडी के माध्यम से लौटाना पड़ेगा।
ये है योजना : बेटियों को उच्च शिक्षा से जोड़ने के उद्देश्य से यूजीसी की ओर से यह योजना शुरू की गई है। इसमें योग्यता रखने वाली छात्राओं को प्रतिमाह 3100 रुपये के हिसाब से दो वर्ष तक प्रतिवर्ष 37,200 रुपये मिलते हैं। योजना के लिए योग्य हो जाने पर संस्थान को भी उस छात्रा से कोई नामांकन या अन्य शुल्क नहीं लेना है।
ऐसे मिलेगा लाभ, ये प्रमाणपत्र जरूरी : इस योजना का लाभ लेने के लिए योग्य छात्राएं नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर जाकर आवेदन देंगी। इसके लिए उन्हें नाम व पता का प्रमाण, जन्मतिथि का प्रमाण, स्नातक का प्रमाणपत्र व अंकपत्र, पीजी में नामांकन का प्रूफ, क्लास वन मजिस्ट्रेट के हस्ताक्षर से बना शपथ पत्र और कॉलेज या विश्वविद्यालय से वर्तमान वित्तीय वर्ष में लिए गए नामांकन का प्रमाणपत्र रखना जरूरी होगा। ये प्रमाणपत्र ऑनलाइन आवेदन के समय अपलोड करने होंगे। आवेदन नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल द्धह्लह्लश्चह्य://ह्यष्द्धश्रद्यड्डह्मह्यद्धद्बश्चह्य.द्दश्र1.द्बठ्ठ पर 30 नवंबर तक किया जा सकता है। पहले वर्ष की परीक्षा के बाद फिर से इसे रिन्यूअल कराना होता है। साथ ही विवि को भी इसकी रिपोर्ट देनी होती है। वहीं इस योजना का लाभ पाने वाली छात्राओं को दूसरी किसी भी योजना का लाभ नहीं दिया जाता है।