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दरभंगा में चौंकाने वाली घटना, पहले छोटे फिर उससे बड़े बेटे की मौत, शव लाते समय पिता भी सड़क हादसे का शिकार

छह माह में दो बेटों और पिता की मौत से उजड़ गया परिवार। गाजियाबाद में हादसे का शिकार बेटे का शव लाते समय कन्नौज में पिता की भी सड़क दुर्घटना में हो गई मौत। छह महीने पहले ही गाजियाबाद में छोटे बेटे की सड़क हादसे में हुई थी मौत।

By JagranEdited By: Dharmendra Kumar SinghPublished: Sun, 25 Sep 2022 09:28 PM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2022 09:28 PM (IST)
दरभंगा में चौंकाने वाली घटना, पहले छोटे फिर उससे बड़े बेटे की मौत, शव लाते समय पिता भी सड़क हादसे का शिकार
घटना की जानकारी मिलने के बाद रोते-बिलखते स्‍वजन। फोटो-जागरण

मनीगाछी (दरभंगा), जासं। दरभंगा जिले के मनीगाछी प्रखंड की चनौर पंचायत के अमई गांव निवासी पचकौरी सदाय की पत्नी सोमनी देवी रविवार की सुबह से ही विलाप कर रही थीं। उन्हें यह सूचना दी गई थी कि उनके पुत्र कृष्णा की सड़क हादसे में मौत हो गई है। उन्हें इतना ही पता था कि पति पुत्र का शव लेकर आ रहे हैं। यह जानकारी नहीं दी गई कि उनकी मांग का सिंदूर भी धुल गया है। पति पचकौरी भी बेटे का शव लाते समय आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर कन्नौज के सौरिख क्षेत्र में सड़क हादसे का शिकार हो चुके हैं। इससे छह महीने पहले उनके छोटे बेटे की मौत सड़क हादसे में हो चुकी थी।

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उजड़ गया परिवार 

पचकौरी 10 साल से गाजियाबाद में रहकर परिवार की परवरिश कर रहे थे। पर्व-त्योहार में घर आते थे। तीन पुत्र, एक पुत्रवधू, एक पुत्री व पत्नी सबको साथ रखते थे। कुछ दिन पहले पत्नी व बेटी को लेकर गांव आए थे। वे चार दिन पहले गाजियाबाद गए थे कि पुत्रों को लेकर गांव आएंगे और त्योहार एक साथ मनाएंगे। इस बीच शनिवार को पुत्र कृष्णा काम करने निकला और सड़क हादसे का शिकार हो गया। वह डिलीवरी ब्वाय का काम करता था। वे सदमे में बेटे का शव लेकर साथ आ रहे थे कि रास्ते में उनका भी सामना मौत से हो गया।

छह माह में तीन मौत

छह साल पहले गाजियाबाद में ही हुए सड़क हादसे में पचकौरी के छोटे पुत्र गोपाल सदाय की मौत हो गई थी। उस घटना के बाद से परिवार सदमे में रहता था। तीन पुत्रों में से गोपाल की मौत के बाद पचकौरी का सहारा बड़ा पुत्र हरेराम सदाय व मंझला कृष्णा सदाय था। उन्हें क्या पता था कि पहले छोटा बेटा, फिर मंझला बेटा और अंत में स्वयं ही चल बसेंगे। पचकौरी और उनके दो पुत्रों की मौत के बाद परिवार में पत्नी सोमनी देवी, बड़े पुत्र हरेराम सदाय, पुत्रवधू सोनी देवी एवं पुत्री माला कुमारी (15) रह गई हैं। सोमनी देवी दूसरी बेटे की मौत को सुन सोमनी देवी इस कदर बीमार पड़ी हैं कि अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस हृदय विदारक घटना के बाद गांव में अधिकांश घरों के चूल्हे नहीं जले।


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