हत्या या आत्महत्या: सैप जवान का अधजला शव घर पहुंचा, मचा कोहराम
झारखंड के गोड्डा जिले में तैनात सैप जवान का अधजला शव उनके घर पहुंचा दिया गया है, उनकी शव देखकर लगता है कि उनकी हत्या की गई है, लेकिन बताया गया कि उन्होंने अात्महत्या कर ली थी।
मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। झारखंड के गोड्डा जिले में तैनात मुजफ्फरपुर जिले के मड़वन निवासी सैप जवान अंजनी कुमार सिंह (55) का अधजला शव दो जवान लेकर उनके घर पहुंचे और शव रखकर चले गए। उनका शव देखकर घर में हाहाकार मच गया। जवान के साथ उनका जला हुआ मोबाइल भी रखा मिला है।
शव लेकर आए जवानों ने बताया कि अंजनी कुमार सिंह की मौत किसी नक्सली हमले में नहीं, बल्कि आग लगाकर आत्महत्या करने से हुई है। उनका अधजला मोबाइल भी परिजनों को सौंप दिया गया। हालांकि, परिजन शव की स्थिति देखकर इसे हत्या बता रहे हैं।
क्या है मामला
गोड्डा जिले के मुफस्सिल थाना अंतर्गत मोतिया पुलिस पिकेट में पिछले छह महीने से तैनात अंजनी 15 मार्च को घर आने वाले थे। उनकी छुट्टी स्वीकृत हो गई थी। उनके भाई सरपंच मनोज कुमार सिंह का कहना है कि शुक्रवार को मोतिया ओपी से फोन आया कि वे नक्सली हमले में घायल हो गए हैं।
आनन-फानन में करा दिया गया पोस्टमार्टम
दूसरी बार फोन पर बेहोश होने की बात बताई गई। तीसरी बार में कहा गया कि आग लगाकर उन्होंने आत्महत्या कर ली है और कहा गया कि किसी के आने पर शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। लेकिन, परिजनों के पहुंचने से पहले ही पोस्टमार्टम कराकर आनन-फानन में शव घर भेज दिया गया।
13 लाख के गबन मामले के थे मुख्य गवाह
उनका कहना है कि कमरे का सारा सामान सुरक्षित था। कोई सामान नहीं जला है। अंजनी के भाई ने बताया कि 13 लाख के गबन के एक मामले में वे मुख्य गवाह थे। गवाही नहीं देने का उन पर दबाव डाला जा रहा था।
ऑपरेशन ब्लू स्टार से भी थे जुड़े
अंजनी कुमार सिंह कभी भारत-पाकिस्तान की लड़ाई के अलावा ऑपरेशन ब्लू स्टार से भी जुड़े रहे थे। 24 साल सेना में रहने के बाद रिटायर हुए तो देश सेवा की भावना से सैप जवान की नौकरी पकड़ ली थी। उनकी दो बेटियां और एक बेटा है। बेटा बेंगलुरु में रहता है। उनकी पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है।